केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा और यमुना की सफाई के लिए यूपी सरकार के धन की नहीं, एनओसी की जरूरत है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री अखिलेश से बात करेंगी। उन्होंने कहा कि गंगा-यमुना की सफाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। ये बातें उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा. रामशंकर कठेरिया के पैतृक गांव नगरिया सरावा में शांति पब्लिक स्कूल और नि:शुल्क चिकित्सा शिविर के उद्घाटन के मौकें पर कहीं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मतभेद नहीं हैं। वे उनके छोटे भाई जैसे हैं। हां, उनके पिता मुलायम सिंह यादव से जरूर वैचारिक मतभेद रहा है। पानी पर केंद्र के साथ चल रहे यूपी सरकार के विवाद में कहा कि सीएम अखिलेश को समझाया है कि विकास की राजनीति करें, जातिवाद की नहीं। अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण शौरी के प्रधानमंत्री मोदी पर किए कटाक्ष पर उन्होंने कहा कि जब अटल सरकार में उनके पास विनिवेश मंत्रालय था, तब वे किसी की नहीं सुनते थे। अब सरकार में कोई पद नहीं है तो इस तरह की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में पानी का संकट है। गंगा और यमुना की सफाई का कार्य प्रथम चरण में है। दिल्ली में यमुना की सफाई का काम शुरू हो गया है। मथुरा वृंदावन में 18 किमी. यमुना की सफाई होगी। मथुरा की रिफायनरी से उनकी बात हो गई है। वे यमुना का सारा पानी न लेकर सीवेज का खराब पानी लेंगे। बदले में कुछ भुगतान भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जो इंडस्ट्री इसे नहीं मानेगी, वह बंद होगी। इस अभियान के संबंध में पांचों राज्यों के प्रमुख सचिवों से बात हुई है, सभी मदद के लिए तैयार हैं।

उन्होंने बताया कि नदियों को जोड़ने की योजना में सबसे पहले केन और बेतवा नदियों को जोड़ा जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश की दो और मध्य प्रदेश की चार लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। आजादी के बाद इस तरह की यह पहली योजना होगी, जिसे मोदी सरकार लागू करेगी । प्रधानमंत्री ने गंगा-यमुना सफाई अभियान सहित 99 प्रोजेक्ट पूरे करने की जिम्मेदारी दी है, जिसे इस कार्यकाल से पहले पूरा करना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देशभर की 52 नदियों की सफाई का अभियान चला रही है। इसके लिए देश की 31 नदियों को एक साथ जोड़ा जायेगा। नदियां साफ करने वाली कंपनियों से 30 साल तक का करार किया गया है ताकि आगे भी इन नदियों की सफाई बनी रहे। उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने से जलवायु बेहतर होगी और पीने के पानी का संचय होगा। इससे 80 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होना शुरू हो जाएगी। गंगा और यमुना की सफाई के लिए 99 प्रोजेक्ट चालू किए जा रहे हैं, जिनमें कुछ पर काम शुरू हो गया। कानपुर में गंगा की सफाई तेजी से की जा रही है जबकि मथुरा में यमुना में काम शुरू होना है। इस काम पर डेढ़ हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

नदियों की सफाई के लिए केंद्र सरकार केवल राज्यों से मदद मांग रही है, धन नहीं। उन्होंने कहा कि सब नदियों की सफाई के लिए उनके मंत्रालय को केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपए के तीन पैकेज दिए गए हैं। इससे नदियों की सफाई, सिंचाई और राज्यों का अंश शामिल है। मध्य प्रदेश से केन, बेतवा व अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में नदियां आ रही हैं इसलिए प्रदेश सरकार को नदियों की सफाई को लेकर केंद्र सरकार की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 18 नाले यमुना को गंदा कर रहे हैं इसके लिए 800 करोड़ की योजना की शुरुआत की है। इन नालों का कचरा यमुना में नहीं जाएगा।