मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल नाम के एक दर्जी की नृशंस हत्या कर दी गई थी। हत्या आरोपियों ने इस हत्या का वीभत्स वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था। जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए और मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और दोनों बेटों को सरकार नौकरी का ऐलान कर दिया गया है। लेकिन इतनी बड़ी घटना पर नाराज सीएम गहलोत ने उदयपुर के महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सहित भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 32 अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए हैं।

उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद उदयपुर के एसपी और आईजी हटा दिए गए हैं। इस वीभत्स हत्याकांड के बाद उदयपुर रेंज आईजी हिंगलाजदान और एसपी मनोज कुमार दोनों को हटा दिया गया है। अब प्रफुल कुमार उदयपुर के नए आईजी बनाए गए हैं जबकि विकास शर्मा को उदयपुर का नया एसपी बनाया गया है। बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट कन्हैया लाल के मोबाइल से की गई थी जिसके बाद से ही उन्हें आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में कन्हैया लाल ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई थी लेकिन इसके बावजूद राजस्थान पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं करवा पाई और कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई। हत्यारों ने इस हत्याकांड को बहुत ही भयानक तरीके से अंजाम दिया था। इसके बाद से राजस्थान पुलिस लगातार लोगों के निशाने पर रही है और लोगों ने उदयपुर पुलिस की कड़ी आलोचना की।

आरोपियों ने हत्या के बाद बनाया एक और वीडियो…
मंगलवार को दो लोगों ने मिलकर कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी उन दोनों आरोपियों में से एक ने गला रेतकर हत्या की जबकि दूसरे ने इस दुर्दांत हत्याकांड का वीडियो बनाया। बाद में, रियाज़ अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद ने एक और वीडियो डाला जिसमें उन्होंने हत्या के बारे में डींग मारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की धमकी भी दी। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पांच अन्य को हिरासत में लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संवेदनशील मामले की जांच देश की शीर्ष आतंकवाद रोधी एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है।

एक आरोपी ने 2014 में कराची का दौरा किया था
जांच टीम का दावा है कि इन हत्यारों का संबंध पाकिस्तान के एक संगठन दावत-ए-इस्लामी से थे। दोनों हत्याआरोपियों में से एक ने तो साल 2014 में कराची का दौरा भी किया था। राजस्थान के पुलिस प्रमुख एमएल लाठेर ने कहा कि दर्जी की हत्या एक सुनियोजित आतंकी घटना थी और इसमें और भी लोग शामिल थे। उन्होंने कहा, “मुख्य आरोपी दावत-ए-इस्लामी के संपर्क में थे। उनमें से एक 2014 में पाकिस्तान के कराची में संगठन से मिलने गया था। हम इस घटना को आतंकी हमला मान रहे हैं।”

कोर्ट में आरोपियों की पेशी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत
राजस्थान पुलिस प्रमुख लाठेर ने आगे बताया,घटना को रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने के लिए एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। दोनों आरोपियों को कल कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उदयपुर कोर्ट परिसर में भीड़ ने दोनों के खिलाफ नारेबाजी की। भयावह अपराध के मद्देनजर लगाया गया कर्फ्यू जारी रहने के कारण उदयपुर में अलर्ट जारी है। भगवान जगन्नाथ के भक्तों द्वारा एक धार्मिक जुलूस आज निकाला जाना है और शांति सुनिश्चित करने के लिए भारी बल तैनात किया गया है।