राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या करने वाले गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अख्तरी को जल्द पकड़ने में जिन दो लोगों ने बड़ी भूमिका निभाई, वे हैं राजसमंद जिले के लसानी गांव निवासी किसान शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह। इन लोगों ने न केवल पुलिस को हत्यारों की भागने की योजना बताई, बल्कि उनकी मोटरसाइकिल का नंबर और लोकेशन भी बताई। दोनों किसान युवकों ने हत्यारों को पकड़ने के लिए 35 किमी तक पीछा भी किया। इस दौरान कई बार हत्यारों ने उन्हें खंजर दिखाकर डराने की कोशिश की, लेकिन वे उनके पीछे लगे रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस उन्हें पकड़ने में कामयाब हो सकी।
उदयपुर में हुए इस वारदात की वजह से पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। हालांकि हत्यारों के जल्द पकड़ लिए जाने के बाद अब शांति है। हत्यारों को पकड़वाने में मदद करने वाले दोनों युवकों की बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात हुई और उन्हें सरकारी नौकरी मिलने की संभावना भी जताई गई।
फिलहाल दोनों युवकों को राजस्थान पुलिस में ही नौकरी मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा कई सामाजिक संगठनों ने भी उनके साहस की प्रशंसा की है और मदद का आश्वासन दिया है।
दोनों किसान युवकों के मुताबिक जिस समय उन्हें हत्यारों के बारे में पता चला वे एक चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे। इसके बाद उन्होंने उनको एक बाइक से भागते देखा तो वे भी अपनी बाइक को स्टार्ट कर उनका पीछा करने लगे। इस दौरान एक समय ऐसा आया कि वे हत्यारों से मात्र 100 मीटर के दायरे में आ गए। इस पर हत्यारे उन्हें अपने खंजर दिखाकर डराने की कोशिश की। दोनों युवक हत्यारों से कुछ दूरी बनाए रखी, क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि दोनों आतंकवादियों के पास हथकड़ी या एके -47 राइफल भी होगी। हालांकि उनके पास ये नहीं थे।
इस दौरान दोनों किसान युवक पुलिस के संपर्क में लगातार बने रहे और उनके पल-पल की खबर पुलिस को देते रहे। इससे पुलिस को इंटरसेप्ट करने की योजना बनाने में मदद मिली। युवकों की कोशिश की वजह से पुलिस हत्यारों को जल्द पकड़ सकी। ऐसा नहीं होने पर हत्यारों के देश से बाहर या पाकिस्तान भाग जाने की आशंका थी। लेकिन उनके मंसूबे सफल नहीं हो सके।