केंद्र सरकार ने त्रिपुरा के मूल निवासियों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए एक और पहल की है। इसके तहत केंद्र ने त्रिपुरा सरकार और वहां के संगठन टिपरा मोथा के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। उन्होंने इस समझौते को ऐतिहासिक घटना बताया और कहा कि राज्य के लोगों को अब अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
यह समझौता इसलिए अहम है, क्योंकि इसमें त्रिपुरा के मूल लोगों के इतिहास, भूमि व राजनीतिक अधिकारों, आर्थिक विकास, पहचान, संस्कृति और भाषा से संबंधित सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने पर सहमति व्यक्त की गई है। इसके लिए कई स्तरों पर काम किया जाएगा। इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए तमाम उपाय किए जाएंगे।
त्रिपक्षीय समझौते के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए तंत्र बनाने में दो कदम आगे रहेगी। टिपरा मोथा (त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन) ने इस समझौते में अहम भूमिका निभाई है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर में सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। त्रिपुरा के आर्थिक विकास, भूमि अधिकार और स्थानीय मूल के लोगों की पहचान से संबंधित मुद्दों को हल किया जाएगा।
पूर्वोत्तर में दस वर्षों में शांति व सीमा से जुड़े 11 समझौते हुए
पूर्वोत्तर में पिछले दस वर्षों में शांति व सीमा से जुड़े 11 समझौतों पर केंद्र सरकार ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें वर्ष 2019 में नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ शांति समझौता भी शामिल है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का यह आखिरी समझौता है। अमित शाह ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा हस्ताक्षरित कई समझौतों के कारण पूर्वोत्तर में पिछले कुछ वर्षों में लगभग 10 हजार लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में विकास का माहौल बना है।

मांगों को लेकर आमरण अनशन’ पर थे देबबर्मा
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा मूल निवासियों की समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग को लेकर ‘आमरण अनशन’ पर थे। केंद्र सरकार के वार्ताकारों के आश्वासन के बाद वह सरकार के साथ समझौते के लिए सहमत हो गए। उन्होंने कहा कि वह इस समझौते के लिए इसलिए राजी हुए, क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके लागू होने से त्रिपुरा के लोगों की कई दिक्कतें हल हो सकती हैं।
संयुक्त कार्य समूह बनेगा
इस समझौते के तहत एक सम्मानजनक समाधान सुनिश्चित करने के लिए सभी मुद्दों पर समयबद्ध तरीके से काम करने और उन्हें लागू करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह या समिति का गठन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि त्रिपुरा प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और इसमें अपनी हिस्सेदारी भी रखेगा। मौजूदा सरकार ने उग्रवाद मुक्त, विवाद मुक्त और हिंसा मुक्त पूर्वोत्तर की परिकल्पना को आकार देने का प्रयास किया है।
पहले के समझौतों से ठोस नतीजे नहीं निकले
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा ने कहा कि इससे पहले भी त्रिपुरा नेशनल वालंटियर्स (टीएनवी), आल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ), नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) जैसे कई समूहों के साथ समझौतों पर सरकार ने हस्ताक्षर किए थे।