त्रिपुरा के कम से कम सात भाजपा विधायक इन दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से मिलने के लिए डेरा डाले हुए हैं। इन विधायकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को पद से हटाने की मांग की है। विधायकों ने सीएम देब को तानाशाह, अनुभवहीन और अलोकप्रिय नेता करार दिया है।
ये विधायक सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में में दिल्ली पहुंचे हैं। उनके समर्थन में सुशांत चौधरी, आशीष साहा, आशीष दास, दीवा चंद्र रांखल, बर्ब मोहन त्रिपुरा, परिमल देब बरम और राम प्रसाद पाल हैं। सुशांत चौधरी ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा विधायक बीरेंद्र किशोर देब बर्मन और बिप्लब घोष भी उनके साथ हैं। हालांकि कोरोना वायरस महामारी के चलते वो साथ नहीं आ सके।
विधायकों के दिल्ली पहुंचने पर सीएम के करीबी नेताओं के साथ त्रिपुरा में पार्टी नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। राज्य में भाजपा अध्यक्ष माणिक शाह ने कहा कि ‘हमारी सरकार पूरी तरह सुरक्षित हैं और मैं आपको भरोसा दे सकता हूं कि सात या आठ विधायक सरकार नहीं गिरा सकता है।’ उन्होंने विधायकों की शिकायत पर कहा कि मैंने उनकी शिकायतों के बारे में नहीं सुना है। भाजपा के भीतर हम पार्टी के बाहर ऐसे मुद्दों पर चर्चा नहीं करते हैं।
सीएम के करीबी सूत्रों ने बताया कि आरएसएस के नेता राम प्रसाद पाल के इन विधायकों के साथ जाने की संभावना नहीं है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि संगठन महासचिव बीएल संतोष ने बर्मन से मुलाकात की और उन्हें बताया कि शीर्ष स्तर पर बदलाव की संभावना नहीं है। पार्टी तब तक ऐसे फैसले नहीं कर सकती जब तक पीएम ऐसे मामलों में दखल ना दें। सीएम देब को पीएम मोदी का भरोसेमंद माना जाता है।
बता दें कि ‘बागी’ भाजपा विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की मांग की है। चौधरी ने कहा हम पीएम मोदी के साथ भी बैठक करेंगे। त्रिपुरा में क्या कुछ हो रहा है, इस पर प्रधानमंत्री को अंधेरे में नहीं रखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 60 विधानसभा सीटों पर वाले त्रिपुरा में भाजपा के 36 विधायक हैं और पार्टी को अन्य विधायकों का भी समर्थन हासिल है।