26 जून को पूर्वोत्तर के प्रमुख राज्य त्रिपुरा में विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आए। इस दौरान अगरतला में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गये। गौरतलब है कि राज्य की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। जिसके नतीजों में मुख्यमंत्री माणिक साहा समेत भाजपा के तीन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है।
भाजपा और सपा कार्यकर्ता भिड़े: त्रिपुरा में विधानसभा उपचुनाव नतीजों के बीच रविवार को अगरतला में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प देखने को मिली है। सड़कों पर भारी संख्या में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता लाठी डंडों के साथ दिखाई दिए। झड़प को लेकर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी का आरोप है कि कांग्रेस के गुंडों ने अचानक बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पथराव करना शुरू कर दिया।
त्रिपुरा कांग्रेस प्रभारी क्या बोले: झड़प को लेकर त्रिपुरा कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार का कहना है कि कायर भाजपाई गुंडों ने त्रिपुरा में कांग्रेस कार्यालय पर हमला कर पत्थरबाज़ी की और चाकू चलाए। हमारे प्रदेशाध्यक्ष बिरजीत सिन्हा जी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं, हमला अभी भी जारी है, पुलिस तमाशबीन बनी हुई है। यह हिंसा पीएम मोदी और अमित शाह के इशारे पर हो रहा है। त्रिपुरा में हमारे लोगों पर इस तरह के हमले कई बार हुए हैं।
भाजपा का पलटवार: राजीव भट्टाचार्जी ने कहा कि अचानक कांग्रेस के गुंडों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर पथराव, ईंटें फेंकी। जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया। हम कायर नहीं हैं और जानते हैं कि इस तरह की क्रूरताओं का सामना कैसे करना है। वहीं हालात बिगड़ते देख आनन-फानन में भारी पुलिस बल बुलाया गया और तब जाकर हालात काबू में आए। बता दें कि इस झड़प को लेकर कांग्रेस नेता लगातार बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस ने क्या कहा: कांग्रेस ने घायल कांग्रेस नेताओं की फोटो शेयर कर कहा, “उपचुनाव में हमारे अच्छे प्रदर्शन और श्री सुदीप रॉय बर्मन जी की ऐतिहासिक जीत से कुंठित हो कर भाजपा अब गुंडागर्दी और हिंसा पर उतर आयी है। यह रक्तरंजित राजनीति ही भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा है।”
राहुल गांधी क्या बोले: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा कि मैं बीजेपी के गुंडों द्वारा हमारे नेताओं पर किये हमले की निंदा करता हूं। कांग्रेस ने अगरतला उपचुनाव जीत लिया है और जनता हमारे साथ है। ये शर्मनाक है कि पुलिस हमले को रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी रही।