टीएमसी नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया। बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

इस दौरान सुप्रियो भावुक नजर आए। टीएमसी में शामिल होने के बाद से सुप्रियो लगातार बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि आज जब वो इस्तीफा देकर निकले तो उन्होंने बीजेपी के प्रति आभार प्रकट किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने संवाददताओं ने कहा, ‘‘मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा से शुरू किया था। मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया।’’

उन्होंने आगे कहा कि मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी। मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए। बाबुल सुप्रियो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी केंद्रीय मंत्री बनाए गए थे, लेकिन बंगाल में बीजेपी की हार के बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उनसे इस्तीफा ले लिया गया था।

इस्तीफा लेने के बाद सुप्रियो पार्टी से नाराज चल रहे थे। जिसके कुछ दिन बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। हालांकि संन्यास की घोषणा के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ज्वाइन कर ली। टीएमसी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने भाजपा की हार का कारण बताते हुए कहा था कि चुनाव से पहले बाहरी नेताओं को अंधाधुंध बीजेपी में शामिल करवाया गया था। उन्होंने कहा कि वो तब भी इसका विरोध किए थे, शायद उनके ये विचार बीजेपी के टॉप लीडरशीप को पसंद नहीं आया।

सुप्रियो ने तब कहा था कि राजनीति से उनका मोहभंग हो गया और वह कला-संगीत को अधिक समय देना चाहते थे। लेकिन, मुझे निश्चित रूप से सक्रिय राजनीति में लौटने की इच्छा थी और तृणमूल कांग्रेस से मुझे वह मौका मिला। पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा था कि उन्हें बंगालियों में विश्वास नहीं है। वह बंगाल के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध खोजने में कामयाब नहीं हुए हैं।