प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रूपा गांगुली ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा के बढ़ते प्रभाव से डर गई है, इसलिए वह पदयात्रा में बाधा पैदा डाल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस भाजपा महिला मोर्चा की पदयात्रा में जानबूझ कर बाधा डाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पांच फरवरी को उनकी पदयात्रा का रूट धर्मतला, मेट्रो-चौरंगी रोड-पार्क स्ट्रीट होते हुए हरीश मुखर्जी रोड, हरीश पार्क फिर अलीपुर रोड होते हुए जेम्स लॉन्ग सरणी व सीलपाड़ा था, लेकिन पुलिस ने पार्क स्ट्रीट और हरीश मुखर्जी रोड से महिलाओं की इस पदयात्रा की अनुमति नहीं दी। पुलिस का कहना है कि पार्क स्ट्रीट में जहां अमेरिकन कॉन्सुलेट है, वहीं हरीश मुखर्जी रोड मुख्यमंत्री के आवास के निकट है। लिहाजा पदयात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती।
पश्चिम बंगाल में महिला मोर्चा 10 दिवसीय पदयात्रा निकाल रहा है। लगभग 125 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कामदुनी से काकद्वीप तक निकाली जाएगी। रूपा गांगुली ने पत्रकारों से कहा कि इसमें सभी महिलाओं को शामिल होने के लिए कहा जा रहा है। महिलाएं चाहें, तो कुछ देर के लिए भी पदयात्रा में शामिल हो सकती हैं।
रूपा गांगुली ने कहा कि इस पदयात्रा से मुख्यमंत्री को किस प्रकार समस्या हो सकती है, पता नहीं? रास्ते पर क्या और लोग नहीं चलते हैं। रूपा गांगुली ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री क्या उनकी सभाओं से कांपती हैं? उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है, चाहे उसकी उम्र छह साल हो या साठ साल। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कामदुनी में भी उन्हें पदयात्रा की इजाजत नहीं दे रही है। बावजूद इसके वह पदयात्रा वहीं से शुरू करेंगी। रूपा गांगुली ने कहा कि पुलिस द्वारा पार्क स्ट्रीट व हरीश मुखर्जी रोड से पदयात्रा की इजाजत नहीं देने पर पदयात्रा वाई चैनल से खिदिरपुर के रास्ते से निकाले जाने का फैसला लिया गया है। पदयात्रा में रोजाना ही कोई न कोई केंद्रीय नेता भी मौजूद रहेंगे।
गठजोड़ की कोशिश में जुटी हैं कांग्रेस व वाममोर्चा : तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य की राजनीति में खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए ही कांग्रेस व वाममोर्चा अगले विधानसभा चुनावों से पहले गठजोड़ का प्रयास कर रहे हैं। तृणमूल नेताओं की यह टिप्पणी गुरुवार को दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस नेताओं की महासचिव राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद आई। उस बैठक में राज्य के कार्यकर्ताओं की भावनाओं से राहुल को अवगत कराते हुए प्रदेश नेताओं ने कहा था कि तमाम कार्यकर्ता वाममोर्चा के साथ गठजोड़ के पक्ष में हैं। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह दोनों राजनीतिक दल राज्य की राजनीति में प्रासंगिक बने रहने के लिए गठजोड़ की कोशिशों में जुटी हैं। उस नेता का दावा था कि वाममोर्चा व कांग्रेस के बीच गठजोड़ होने की स्थिति में कांग्रेस के पारंपरिक वोटों का ज्यादातर हिस्सा तृणमूल की झोली में चला जाएगा। ऐसी स्थिति में वाममोर्चा के खिलाफ अरसे तक लड़ने वाले और उसके हातों प्रताड़ित होने वाले कांग्रेस समर्थक कभी वाममोर्चा का समर्थन नहीं करेंगे।
एक अन्य नेता व खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि अगर कांग्रेस व वाम दलों में गठजोड़ होता है तो उनकी सीटों की तादाद दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचेगी। वैसी हालत में तृणमूल कांग्रेस की जीत का अंतर काफी बढ़ जाएगा। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने अधिकृत रूप से अब तक वाम-कांग्रेस गठजोड़ के कयासों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि वे दूसरी पार्टी के आंतरिक मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
राहुल गांधी के साथ बैठक में प्रदेश कांग्रेस नेताओं में वाममोर्चा के साथ गठजोड़ के मुद्दे पर भले आम राय नहीं बन सकी, लेकिन उन सबने एक स्वर में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी गठजोड़ की संभावना को खारिज कर दिया। बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा था कि तमाम नेता तृणमूल के साथ किसी तालमेल के खिलाफ हैं और ज्यादातर लोग वाममोर्चा के साथ चुनावी गठजोड़ के पक्ष में हैं।