एनएचआरसी ने सैन्य अधिकारियों के तीन बच्चों की शिकायत का संज्ञान लिया है। इसमें जम्मू कश्मीर में पथराव की हालिया घटनाओं में सुरक्षा कर्मियों के मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आज एक बयान में कहा कि शिकायतकर्ताओं ने 27 जनवरी को जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सैन्य कर्मियों पर बेकाबू भीड़ के हमले और पथराव की हालिया घटनाओं की उचित जांच कराने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है।
अपनी शिकायत में सैन्य अधिकारियों के तीन बच्चों ने कहा है कि सुरक्षा बलों पर पथराव और उपद्रवी भीड़ के हमले की हालिया घटनाओं से वे ‘‘परेशान’’ हैं। आयोग ने कहा कि शिकायत में जो तथ्य रखे गए हैं और आरोप लगाए गए हैं, ऐसे में जम्मू कश्मीर में सैन्य कर्मियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन और कथित अपमान संबंधी शिकायत में उठाए गए बिंदु पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानने और केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर रक्षा मंत्रालय से उसके सचिव के जरिए वास्तविक रिपोर्ट मंगाना उपयुक्त होगा। इसमें कहा गया है कि रक्षा सचिव को एक पत्र भेजकर चार हफ्ते में रिपोर्ट की मांग की गयी है।
बता दें कि 2016 में पत्थरबाजी के 2,808 केस सामने आए थे जो साल 2017 में पत्थरबाजी के मामले से बहुत ज्यादा हैं। 2017 में पत्थरबाजी के मामले घटकर 664 हो गए थे। 2016 में पत्थरबाजी की घटनाओं के दौरान 8,932 लोग जख्मी हो गए थे वहीं 85 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। यह जानकारी पिछले साल गृह मंत्रालय ने लिखित रूप में राज्य सभा को बताई थी।