भारत में फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा रिचियर ने शुक्रवार को यहां कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलौंद की आगामी यात्रा के दौरान आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट सिटीज पर बातचीत होगी। उन्होंने राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर मिले धमकी भरे पत्र को संभवत: किसी उत्साहित भद्र पुरुष की करतूत कहकर खारिज कर दिया। फ्रांसुआ ओलौंद 24 जनवरी को भारत पहुंच रहे हैं। वो गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

फ्रांसीसी राजदूत ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘यह मौका सभी को केवल याद दिलाने के लिए नहीं बल्कि आतंकवाद से लड़ने की दिशा में कुछ कदम उठाने के लिए है। एजंडा में यह बात शीर्ष पर रहेगी।’ दिल्ली में सुरक्षा बलों को बहुत सक्षम बताते हुए रिचियर ने कहा कि वे यात्रा पर आ रहे प्रतिनिधिमंडल पर किसी तरह के हमले को रोकने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ करीब से काम करने के लिए राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति आभारी हैं। बंगलुरु में गुरुवार को फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास को मिले एक पत्र में ओलौंद की भारत यात्रा के खिलाफ धमकी के सवाल पर रिचियर ने कहा कि अफसोस की बात है कि यह पत्र लीक हो गया।

हम इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी अधिकारी इस तरह के पत्र मिलने को लेकर अभ्यस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसे कई पत्र मिलते हैं। आमतौर पर यह अव्यवस्था फैलाने के लिए और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए लिखे जाते हैं। वे कभी वास्तविक धमकी साबित नहीं हुए।’

हालांकि उन्होंने कहा कि वे उन्हें मिले ताजा पत्र की पड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि यह सच्चा नहीं है लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है जिससे हम वास्तविक धमकी मानें। एक और उत्साहित भद्र पुरुष होगा। यह कोई अलग धमकी नहीं है।’ उन्होंने कहा कि यह कागज किसी आतंकी संगठन की ओर से भेजे जाने का दावा किया गया है। लेकिन इसे खतरा नहीं कहा जा सकता।

रिचियर ने कहा कि फ्रांसीसियों को दुनियाभर में तरह-तरह की धमकियां मिलती रहती हैं। रिचियर ने कहा कि ओलौंद की रविवार से शुरू हो रही भारत यात्रा पर मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों में ध्यान होगा। उन्होंने कहा, ‘सीरिया, इराक और अफ्रीका में आपात स्थिति, सैन्य अभियान और भारत के हालात समेत मौजूदा हालात को देखते हुए आतंकवाद पर विशेष ध्यान रहेगा।’ रिचियर ने कहा कि फ्रांस और भारत साझा हितों और मूल्यों को सुरक्षित रखना चाहते हैं।

असैन्य परमाणु सहयोग के मोर्चे पर किसी तरह के विकास के सवाल पर फ्रांसीसी राजदूत ने कहा कि अरेवा की जगह अब ईडीएफ लेगा जो फ्रांस में 60 परमाणु संयंत्र संचालित करता है। अरेवा परमाणु और अक्षय ऊर्जा से जुड़ा एक फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय समूह है। इसका मुख्यालय पेरिस में है। रिचियर ने कहा कि दूसरा विषय जलवायु परिवर्तन है। दोनों पक्ष पेरिस जलवायु सम्मेलन में लिए गए फैसलों का पालन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम ऊर्जा भंडारण पर भी काम करेंगे। हमारे पास जाहिर तौर पर सौर ऊर्जा का तत्व है। हम अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी घोषणा करेंगे। पवन ऊर्जा पर हमारी एक परियोजना होगी। निवेश की घोषणा की जाएगी।’ रिचियर के मुताबिक समुद्री जैव प्रौद्योगिकी में भी सहयोग होगा।

ओलौंद 24 जनवरी को चंडीगढ़ पहुंचेंगे जहां उनकी अगवानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। दोनों नेता यहां गहन बातचीत करेंगे। इसके बाद पेरिस और पठानकोट आतंकवादी हमलों के मद्देनजर आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा होगी। ओलौंद भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले पांचवें फ्रांसीसी राष्ट्रपति होंगे। यह अब तक किसी भी देश के राष्ट्रपतियों की सर्वाधिक संख्या है।