तेलंगाना में एक अजीब ही मामला सामने आया है। पहले नेता चोरी-छुपे जनता को वोट के बदले पैसे देते थे, अब जनता खुलेआम, वोटों के लिए पैसे मांग रही है। इसके लिए बकायदा लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके साथ महिलाएं की भी भारी संख्या है।
गुरुवार को तेलंगाना के हुजुराबाद विधानसभा क्षेत्र में कमलापुर मंडल कार्यालय के बाहर लोगों का एक समूह विरोध-प्रदर्शन करने के लिए पहुंचा। इन लोगों का कहना था कि कई पार्टियों और नेताओं ने उन्हें वोट के बदले नोट देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक उन्हें पैसे नहीं मिले। इसी को लेकर वो विरोध करने पहुंचे हैं। ये उपचुनाव 30 अक्टूबर को होने हैं।
पैसे न देने के पीछे भेदभाव का आरोप लगाते हुए आक्रोशित लोगों ने कहा कि जब तक सभी को पैसे नहीं मिल जाते, वे यहां से नहीं जाएंगे। इस दौरान महिलाएं रोती हुईं भी दिखीं। महिलाओं ने कहा कि ये सही नहीं है, दूसरों को ‘वोट के बदले पैसे’ दिए जा रहे हैं, उन्हें नहीं मिला है। प्रदर्शन में शामिल एक शख्स ने आरोप लगाया कि पार्टियां 8,000 रुपये से 1,500 रुपये के बीच की राशि बांट रही हैं। लोगों ने इसके लिए सता और विपक्ष दोनों ही पार्टियों पर आरोप लगाया है।
ये सिर्फ एक इलाके की बात नहीं है। इस विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों के लोग ऐसे ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हुजुराबाद के सभी पांच मंडलों और निगमों में ऐसे प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान लोगों को समझाने में पुलिस को काफी मशक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है। इन प्रदर्शनों का वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार 27 अक्टूबर तक अधिकारियों ने हुजुराबाद निर्वाचन क्षेत्र से 3,50,01,027 रुपये नकद और कीमती सामान जब्त किया है। इसमें 7,13,440 रुपये की शराब और 10,60,000 रुपये कीमत का सोना-चांदी भी शामिल है।
इन प्रदर्शनों और पैसे के आरोपों के बीच कांग्रेस ने इस उपचुनाव को कैंसिल करने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगया है कि राज्य में सत्ता पर काबिज टीआरएस और केंद्र में काबिज भाजपा इस चुनाव में जमकर पैसा बहा रही है। एक निष्पक्ष चुनाव में बाधा डालने की कोशिश कर रही है। इसलिए इस चुनाव को रद्द कर दिया जाए।