बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में भयंकर लड़ाई छिड़ती दिख रही है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के ‘अपमान’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
तेज प्रताप यादव ने शनिवार को पटना में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि रोहिणी आचार्य जो कह रही हैं, वह सही कह रही हैं।
रोहिणी द्वारा पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान किए जाने की बात पर तेज प्रताप यादव ने कहा, “एक महिला होने के नाते, एक मां होने के नाते, एक बहन होने के नाते जो सराहनीय काम उन्होंने (रोहिणी आचार्य) किया है, शायद ही कोई बेटी या मां कर सकती है। हमारे लिए और सभी महिलाओं के लिए वह पूरी तरह से पूज्यनीय हैं और जब तक इतिहास रहेगा, इतिहास के पन्नों में हमारी बहन का नाम रहेगा।”
तेज प्रताप यादव ने बहुत साफ लफ्जों में कहा, “हमारी बहन का जो अपमान करेगा, कृष्ण का सुदर्शन चक्र चलेगा।”
कहां से शुरू हुआ मामला?
तेज प्रताप यादव के बयान से यह साफ समझा जाना चाहिए कि लालू प्रसाद यादव के परिवार में पर्दे के पीछे जो लड़ाई चल रही थी, वह खुलकर सामने आ गई है। अब आपको थोड़ा सा इस लड़ाई का बैकग्राउंड भी बताते हैं।
बिहार चुनाव से पहले क्या लालू यादव के परिवार में कुछ गड़बड़ चल रही है?
दरअसल, यह पूरी लड़ाई तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव को लेकर शुरू हुई है। 18 सितंबर को रोहिणी आचार्य ने पटना के रहने वाले आलोक कुमार नाम के शख्स की एक फेसबुक पोस्ट को शेयर किया था। इस फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता- नेतृत्वकर्त्ता के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए। वैसे अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है !!
मेरे लिए आत्म-सम्मान सर्वोपरि- रोहिणी आचार्य
रोहिणी आचार्य ने इसके बाद बीते दिन एक और पोस्ट शेयर करके लिखा था, “मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी, मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।” रोहिणी के द्वारा आत्म-सम्मान की बात कहे जाने के बाद राजनीतिक जानकार समझ गए थे कि मामला आगे बढ़ चुका है।
तेज प्रताप ने बताया था जयचंद
बिहार में अब जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है और उससे पहले तेजस्वी यादव के सलाहकार और राज्यसभा सांसद संजय यादव को लेकर शुरू हुई यह लड़ाई न सिर्फ आरजेडी बल्कि महागठबंधन के लिए भी बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है। तेज प्रताप यादव कई बार संजय यादव पर निशाना साध चुके हैं। तेज प्रताप यादव संजय यादव का नाम लिए बिना उन्हें जयचंद बता चुके हैं।
तेज प्रताप यादव को लालू प्रसाद यादव ने परिवार और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था लेकिन तेज प्रताप के बाद अब रोहिणी आचार्य ने भी खुलकर संजय यादव का विरोध शुरू कर दिया है। अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या तेजस्वी यादव संजय यादव के बचाव में सामने आएंगे?