बिहार के पर्यावरण मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को वाराणसी में आधी रात को होटल खाली करना पड़ा। इस घटना पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बिहार के कैबिनेट मंत्री तेज प्रताप यादव को शुक्रवार को वाराणसी में एक होटल छोड़ना पड़ा क्योंकि उनका सामान उनके कमरे से होटल के रिसेप्शन पर ट्रांसफर कर दिया गया था। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि होटल के कर्मचारियों को नहीं पता था कि जिस कमरे और सामान को वो होटल के रिसेप्शन में ले जा रहे थे, वह राजद नेता तेज प्रताप यादव का है।

कर्मचारियों को नहीं पता था सामान तेज प्रताप का है

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने कहा, “मामला सिगरा पुलिस स्टेशन से संबंधित है, जहां तेज प्रताप यादव ने 6 अप्रैल को एक रात के लिए एक होटल बुक किया था। अगले दिन तेज प्रताप यादव घाट पर दर्शन के लिए गए थे और शाम को वापस लौटे। इस बीच, एक ग्राहक जिसने 7 अप्रैल के लिए होटल बुक किया था आया और उसके लिए होटल के कर्मचारियों ने तेज प्रताप का सामान कमरे से हटाना शुरू कर दिया। वो इस बात से अनजान थे कि सामान तेज प्रताप यादव का है।”

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंत्री की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण मामला दर्ज किया गया है। सीसीटीवी फुटेज में भी दिख रहा है कि होटल के जनरल मैनेजर भी सामान शिफ्ट करते नजर आए। FIR दर्ज की गई है क्योंकि मामला मंत्री की सुरक्षा से जुड़ा है।

एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें तेज प्रताप यादव होटल से निकलकर अपनी गाड़ी में बैठकर जाते दिखाई दे रहे हैं। वहीं पुलिस को लिखी गई शिकायत में कहा गया है कि तेज प्रताप यादव गंगा आरती और काशी विश्वनाथ का दर्शन करने गए थे, उनकी अनुपस्थिति में उनके कमरे को खोला गया और सामान बाहर निकाला गया। इस दौरान वहां मौजूद तेज प्रताप यादव के एक सहकर्मी को रिसेप्शन पर बैठा दिया गया था।

नीतीश कुमार का अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण नहीं- सुशील मोदी

वहीं, दूसरी ओर बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि तेज प्रताप यादव के साथ जो व्यवहार हुआ, उससे बिहार की छवि खराब हुई है। यह शर्मसार करने वाली घटना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपने मंत्रियों के आचरण और बयानों पर कोई नियंत्रण नहीं है। ट्विटर पर सुशील मोदी ने लिखा, “मंत्री तेज प्रताप यादव ने पड़ोसी राज्य के एक धार्मिक शहर (वाराणसी) में होटल मैनेजमेंट के साथ रंगदारों जैसा व्यवहार किया। होटल प्रबंधन के अनुसार तेज प्रताप ने तय समय पर कमरा खाली नहीं किया और वाजिब बिल का भुगतान भी नहीं किया।”