तमिलनाडु में मतदाताओं को लुभाने के लिए सियासी दलों में होड़ मची है। सत्ताधारी अन्नाद्रमुक ने सत्ता में लौटने पर हर परिवार को प्रत्येक माह 1500 रुपए की आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। इससे पहले डीएमके ने प्रत्येक परिवार के मुखिया को हर माह 1000 रुपए की मदद देने का वादा किया था।

चुनावी राज्य में अन्नाद्रमुक ने कहा कि यह डीएमके की नकल नहीं है, बल्कि यह योजना पिछले काफी समय से पाइपलाइन में थी। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने मतदाताओं को विश्व महिला दिवस पर आर्थिक मदद देने की घोषणा के साथ ही हर परिवार को साल में छह सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया है।

इससे पहले डीएमके ने चुनावी वादा करते हुए हर परिवार की महिला मुखिया को हर महीना एक हजार रुपए देने का वादा किया था। एमके स्टालिन ने इसके साथ ही रोजगार से लेकर अर्थव्यवस्था के सुधार तक के कई दावे किए। उन्होंने डीएमके के सत्ता में आने पर तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था दोगुनी होने की बात भी कही। तमिलनाडु में सब्सिडी के जरिए चुनाव जीतने का दौर अन्नादुरई के वक्त से ही जारी है। यहां पहले भी जनता को लुभाने वाले इस तरह के वादे होते रहे हैं।

इस बीच, मशूहर फिल्म अभिनेता कमल हासन की मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) ने तमिलनाडु में 154 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। राज्य विधानसभा में कुल 234 सीटें हैं। इन सीटों के लिए छह अप्रैल को मतदान होंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला एआइएडीएमके और डीएमके के बीच है। कमल हासन ने कहा कि एमएनएम ने अपने दो सहयोगी दलों के लिए 40-40 सीटें छोड़ी हैं। एमएनएम की सहयोगी पार्टियों में आॅल इंडिया समुतावा मक्कल काची (एआइएसएमके) और इंडिया जननायक काची शामिल हैं।

सत्तारूढ़ एआइएडीएमके ने आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा को 20 सीटें दी हैं। एआइएडीएमके ने अपने दूसरे सहयोगी पीएमके को 23 सीटें आबंटित की हैं। भाजपा को कन्याकुमारी की लोकसभा सीट भी दी गई है। सीट आबंंटन से नाराज अभिनेता विजयकांत की पार्टी डीएमडीके गठबंधन से निकल गई है। पार्टी ने दावा किया कि तीन दौर की बातचीत के बाद, वादे के मुताबिक सीट देने से इनकार कर दिया गया। जे जयललिता की मौत के बाद से सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के लिए यह पहला राज्य चुनाव है।