द्रमुक के नेतृत्व में विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मुलाकात की और उनसे सत्ताधारी अन्नाद्रमुक विधायकों के एक समूह द्वारा विद्रोह के मद्देनजर मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी को यह निर्देश देने की मांग की कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें। द्रमुक ने बाद में कहा कि यदि राव द्वारा एक समयसीमा में कदम नहीं उठाया गया तो वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और यदि जरूरी हुआ तो अदालत के समक्ष जाएगा। दरकिनार किये गए अन्नाद्रमुक के उप प्रमुख टीटीवी दिनाकरण के प्रति निष्ठा रखने वाले 19 विधायकों के राव से 21 अगस्त को मुलाकात करने और मुख्यमंत्री में अविश्वास जताने के बाद से ही द्रमुक यह दावा करते हुए विधानसभा में बहुमत परीक्षण की मांग कर रहा है कि वर्तमान सरकार के पास अब बहुमत नहीं है।

द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने राव को एक पत्र लिखा है जिसे प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें सौंपा। यह गत सप्ताह से दूसरा ऐसा पत्र है। इसमें लिखा है कि 234 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान अन्नाद्रमुक सरकार के पास ‘‘विधानसभाध्यक्ष सहित केवल 113 विधायकों का समर्थन है।’’ उन्होंने इस ओर इशारा किया कि 234 सदस्यीय विधानसभा में एक सीट खाली है और उनकी पार्टी के 89 विधायक, कांग्रेस के आठ, एक आईयूएमएल सहित सरकार के खिलाफ विधायकों की संख्या 120 बैठती है जिसमें ‘‘सत्ताधारी पार्टी के असंतुष्ट 22 विधायक शामिल हैं।’’

स्टालिन ने दावा किया, ‘‘यह स्पष्ट है कि पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में बहुसंख्यक विधायकों का विश्वास नहीं है।’’ उन्होंने स्थिति को एक संवैधानिक संकट बताते हुए राज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप करने और पलानीस्वामी सरकार के बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा में शक्तिपरीक्षण कराने का आदेश देने का अनुरोध किया। प्रतिनिधिमंडल में दुरैईमुरूगन, द्रमुक राज्यसभा सदस्य कनिमोई, आर एस भारती, आईयूएमएल विधायक के ए एम मोहम्मद अबुबाकर और कांग्रेस विधायक एवं पार्टी व्हिप एस विद्याधरनी शामिल थे।

19 विधायकों के राज्यपाल से मुलाकात करने के कुछ ही समय बाद स्टालिन ने 21 अगस्त को ही राव को शक्तिपरीक्षण के लिए एक पत्र लिखा था। उन्होंने कुछ ही दिनों बाद एक बयान में अपनी वह मांग दोहरायी। वहीं आज तिरूवरूर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि यदि राव ने उचित कदम नहीं उठाया तो उनकी पार्टी लोकतंत्र बचाने के लिए राष्ट्रपति कोविंद और बाद में अदालत का भी दरवाजा खटखटा सकती है।

दूसरी ओर राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि स्टालिन द्रमुक (डीएमके) और अन्नाद्रमुक के उप प्रमुख टीटीवी दिनाकरण अगले कुछ दिनों में तमिलनाडु में नई सरकार बनाएंगे, क्योंकि एआईएडीएमके से ईपीएस-ओपीएस ने अपना समर्थन वापिस ले लिया है। ऐसे में उनके पास बहुमत नहीं है।