उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह उस एलीट क्लब में शामिल हो गए हैं, जिसमें कल्याण सिंह और कलराज मिश्र शामिल हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर स्वतंत्र देव सिंह का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। स्वतंत्र देव सिंह ने 16 जुलाई 2019 को बतौर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

स्वतंत्र देव सिंह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर 19 जुलाई को 2019 पार्टी का क्रार्यभार संभाला था। वह तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पांचवें प्रदेश अध्यक्ष होंगे। यूपी में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल पूर्व सीएम कल्याण सिंह और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा का रहा है। इन दोनों ही नेताओं ने छह सालों तक इस पद का दायित्व संभाला है।

वहीं भाजपा नेता और यूपी में पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे माधव प्रसाद त्रिपाठी ने चार साल का कार्यकाल पूरा किया था। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और बीजेपी दिग्गज नेता केसरी नाथ त्रिपाठी भी तीन साल 47 दिनों तक प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान चुके हैं।

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जलशक्ति मंत्रालय भी स्वतंत्र देव सिंह के पास है। इसके अलावा उनके नेतृत्व में यूपी में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव और एमएलसी चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। ऐसे में अब स्वतंत्र देव सिंह यूपी बीजेपी के तीन साल या उससे ज्यादा वक्त तक प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले पांच प्रदेश अध्यक्ष हो गए हैं।

कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं स्वतंत्र देव सिंह
स्वतंत्र देव सिंह प्रभावशाली कुर्मी जाति से ताल्लुक रखते हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जहां भाजपा को 29 में से 28 सीटें मिलीं। यूपी के मिर्जापुर जिले के ओरी गांव में जन्मे सिंह ने बुंदेलखंड जिले के जालौन को अपनी कर्मभूमि बनाई। सिंह बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आते हैं, उनके परिवार में आरएसएस में शामिल होने वाले और बाद में भाजपा में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के प्राथमिक स्कूल से शुरू की। झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
1986 से शुरू हुई स्वतंत्र देव सिंह की राजनीतिक यात्रा
स्वतंत्र देव सिंह की राजनीतिक यात्रा 1986 में शुरू हुई, जब वे एक प्रचारक के रूप में आरएसएस में शामिल हुए। 1988-99 में, सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य बने और उसी के महासचिव (संगठन) बनाए गए। 1991 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की कानपुर इकाई का प्रभारी बनाया गया।