राज्यसभा के 11 जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनावों के लिए मंगलवार को विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने का मंगलवार को अंतिम दिन था। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के चुनाव के लिए नामांकन भरा। उन्हें राजग की साझेदार तेदेपा का समर्थन हासिल है। केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री वाईएस चौधरी व आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री टीजी वेंकटेश ने तेदेपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा। चौधरी जहां लगातार दूसरी बार संसद के उच्च सदन में जाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं वेंकटेश पहली बार उच्च सदन में जाने वाले हैं।
आंध्र प्रदेश में राज्यसभा की चार सीटें खाली हैं। राज्य की 176 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ तेदेपा-भाजपा के संयुक्त रूप से 108 सदस्य हैं। इस संख्या के चलते तेदेपा-भाजपा आसानी से तीन सीटें हासिल कर सकती है। तेदेपा ने अपनी सहयोगी भाजपा को एक सीट दी है। विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने विजयसाई रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है क्योंकि पार्टी एक ही सीट जीत सकती है।
रेलमंत्री प्रभु ने आंध्र प्रदेश से उम्मीदवार बनने पर खुशी जताई और राज्य के विकास के लिए तेदेपा के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की। प्रभु ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश देश के सबसे गतिशील राज्यों में शामिल है, यह मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है। इसलिए हमें उम्मीद है कि हम मिलकर एक आदर्श आंध्र प्रदेश बनाने में सफल होंगे ।’
वहीं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया और ‘बाहरी’ होने के ठप्पे को हटाने के लिए कन्नड़ सीखने व राज्य के हितों का संरक्षण करने का वादा किया। नामांकन दाखिल करने के बाद सीतारमण ने कहा कि वह संसद में कर्नाटक के हितों को सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘मैं हर तरह से कर्नाटक के हितों का ध्यान रखूंगी। मैं यहां सेवक बनने जा रही हूं। मैं कन्नड़ सीखूंगी, अभी भी थोड़ी बहुत जानती हूं, लेकिन मैं कन्नड़ बोलना सीखूंगी।’
महाराष्ट्र से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने राज्यसभा के लिए नामांकन का पर्चा दाखिल किया। चिदंबरम ने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। उनकी जगह उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने तमिलनाडु में शिवगंगा से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। चिदंबरम के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने भी राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीटें खाली हैं।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के वरिष्ठ नेताओं- डी. श्रीनिवास और कैप्टन वी. लक्ष्मीकांत राव ने तेलंगाना से राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया।
इन दोनों ही नेताओं के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना है क्योंकि किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। तेलंगाना की 120 सीटों वाली विधानसभा में टीआरएस के 82 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 19, एमआईएम के 7, भाजपा के 5, तेदेपा के 3 और भाकपा व माकपा के 1-1, निर्दलीय एक और एक नामित विधायक है। अविभाजित आंध्र प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे श्रीनिवास राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं और वह पिछले साल जुलाई में टीआरएस में शामिल हुए। वर्तमान में, वह अंतर-राज्यीय मुद्दों पर तेलंगाना सरकार के सलाहकार हैं। वहीं, रक्षा बलों में सेवाएं दे चुके लक्ष्मीकांत राव टीआरएस के वरिष्ठ नेता हैं।
मीडिया जगत की जानी-मानी हस्ती सुभाष चंद्रा और वकील आरके आनंद ने हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है। चंद्रा ने सत्तारूढ़ भाजपा और दलगत भावना से ऊपर उठे कुछ विधायकों का समर्थन हासिल करने का दावा किया है, वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेला) ने आनंद का समर्थन किया जो पहले इनेलो उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि, पार्टी के एक नेता ने बताया कि फिलहाल आनंद इनेलो के सदस्य नहीं हैं।
केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा से उच्च सदन के लिए सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था। इस मौके पर चंद्रा ने कहा, ‘मुझे कई सदस्यों का समर्थन मिला है। निर्दलीय सदस्यों ने मुझे समर्थन दिया है, भाजपा ने भी समर्थन दिया है। मुझे उम्मीद है कि मुझे अन्य पार्टियों से भी समर्थन मिलेगा।’ ये दोनों सीटें फिलहाल केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और सुरेश प्रभु के पास हैं जो एक अगस्त को खाली हो रही हैं। गौरतलब है कि हरियाणा से दो उम्मीदवारों को चुनने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 47, इनेलो के 19 और कांग्रेस के 17, बसपा से एक और शिअद से एक विधायक हैं।
वहीं, पांच निर्दलीय विधायक भी हैं। भाजपा ने झारखंड से राज्यसभा चुनावों के लिए मंगलवार को अपने दूसरे उम्मीदवार को नामित किया। पार्टी की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष महेश पोद्दार ने अपना नामांकन दाखिल किया। पार्टी सूत्रों ने कहा कि अल्पसंख्यक व संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को नामांकन का एक और सेट दाखिल किया। सोमवार को उन्होंने एक सेट नामांकन दाखिल किया था।
राजस्थान में उद्योगपति और पूर्व सांसद कमल मोरारका ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया। मोरारका के पर्चा दाखिल करने से राज्यसभा की चारों सीटें निर्विरोध जीतने के भाजपा के मंसूबों पर पानी फिर गया है। मोरारका को निर्दलीय विधायकों के साथ ही कांग्रेस का भी साथ मिलने के पूरे आसार हैं।
मोरारका ने मंगलवार को विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी और कई निर्दलीय विधायकों के साथ विधानसभा में पहुंच कर अपना पर्चा भरा। उन्हें भाजपा के चार विधायकों के साथ ही अन्य छोटे दलों के विधायकों का भी समर्थन हासिल है। विधानसभा में भाजपा के 160 विधायक है और उसे पक्के तौर पर चार निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। इन निर्दलीय विधायकों ने सोमवार को ही भाजपा के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों पर प्रस्तावक के तौर पर दस्तखत किए हैं।