असहिष्णुता के मुद्दे पर बढ़ती चिंता के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि सरकार के लिए यह बेहतर होगा कि वह धौंस जमाना, धमकाना और अनुचित व्यवहार बंद करे और इनके बजाय लोगों तक पहुंच कायम करे। गांधी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि सरकार और मोदी जी पर प्रश्न खड़ा करने वालों को गैर राष्ट्रवादी, राष्ट्र विरोधी या पूर्वग्रह से ग्रस्त बताने के बजाय सरकार बेहतर तरीके से यह कर सकती है कि लोगों तक पहुंच कायम कर पूछे कि उन्हें कौन-सी चीजें परेशान कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह भारत में समस्याओं को सुलझाने का तरीका है ना कि धौंस जमाना, धमकाना या अनुचित व्यवहार करना। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने आमिर का बचाव करते हुए कहा कि अभिनेता ने भाजपा के कई नेताओं की मौजूदगी में जो कहा वह पूरी दुनिया कह रही है, पूरा भारत कह रहा है और सही सोच वाले सभी लोग कह रहे हैं।

उधर माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने राहुल के विचार साझा किए। येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, अब एक अभिनेता ने बेखौफ होकर कुछ बोला है, क्या भाजपा यह स्वीकार करेगी कि यह आरोप मनगढ़ंत था कि लोग बिहार चुनाव को लेकर असहिष्णुता की बात कर रहे थे। माकपा नेता ने कहा, आमिर ने दर्शक दीर्घा में बैठे हुए मंत्रियों से जटिल मुद्दों की बात की। उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सत्ता पक्ष से सच्चाई बयां करने के लिए उन्हें धमकाया नहीं जाना चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश में बढ़ती असहिष्णुता और असुरक्षा के खिलाफ ‘बोलने’ के लिए आमिर की ‘सराहना’ करते हुए केंद्र से लोगों में सुरक्षा की भावना भरने की दिशा में कदम उठाने के लिए कहा। केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, आमिर खान के शब्द सही थे। मैं (यह सब) बोलने के लिए उनकी सराहना करता हूं।

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