यहां श्रीलंका की नौसेना ने तमिलनाडु के मछुआरों पर हमला करते हुए उन पर पथराव किया। उन्होंने उनकी एक मशीनीकृत नौका को डुबो दिया और मछली पकड़ने वाले जाल नष्ट कर दिए। घटना तब हुई जब मछुआरे धनुषकोटि अपतटीय क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे। तमिलनाडु मशीनीकृत मछुआरा संगठन के अध्यक्ष पी सेसुराजा ने गुरुवार को यहां बताया कि श्रीलंकाई नौसैनिकों ने करीब 70 नौकाओं के जाल नष्ट कर दिए और पत्थरबाजी की व बोतलें फेंकी। इस कारण 2,000 से अधिक मछुआरों को भागने पर मजबूर होना पड़ा और वे गुरुवार सुबह यहां समुद्र तट पर लौट आए।  उन्होंने बताया कि कुछ नावों के शीशों को भी नुकसान पहुंचा है। सेसुराजा ने बताया कि इस क्षेत्र के मछुआरे बुधवार की रात मछली पकड़ने वाली 437 मशीनीकृत नौकाओं के साथ समुद्र में गए थे और धनुषकोटि अपतटीय क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे। उसी समय श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने उनकी नौकाओं में से एक को टक्कर मार दी।


उन्होंने दावा किया कि टक्कर के परिणामस्वरूप नाव के दो टुकड़े हो गए और यह डूब गई। उन्होंने बताया कि नाव पर पांच मछुआरे सवार थे जिन्हें साथी मछुआरों ने बचाया। श्रीलंकाई नौसेना के जवानों द्वारा पुडुकोट्टई जिले के पांच मछुआरों को उनकी नौकाओं के साथ हिरासत में लेने के एक दिन बाद यह हालिया घटना सामने आई है।
घटना की निंदा करते हुए सेसुराजा ने कहा कि हमले की घटना ऐसे समय हुई है जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भारत के दौरे पर हैं और अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब दो देशों के प्रधानमंत्री बातचीत कर रहे हैं तब भारतीय मछुआरों पर हमला हो रहा है। इससे गहरी पीड़ा हुई है। दोनों नेताओं को बार-बार होने वाली समस्या का एक स्थायी समाधान निकालना चाहिए।’
राज्य के मछुआरों की आजीविका दांव पर लगे होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को बातचीत करनी चाहिए और पाक जलडमरूमध्य में मछली पकड़ने की समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान महत्त्वपूर्ण है क्योंकि तमिलनाडु के मछुआरों की जब्त की गईं 100 से अधिक नौका श्रीलंका के जलक्षेत्र में खड़ी हैं और आगामी उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण इन्हें नुकसान पहुंच सकता है। इस बीच, अनेक मछुआरों ने यहां प्रदर्शन किया और हमले की निंदा करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का संकल्प लिया।
तमिलनाडु और पुडुचेरी मत्स्यपालन संगठन के महासचिव एमजे बोस ने बताया कि मछुआरों ने गुरुवार से मछली नहीं पकड़ने का निर्णय लिया है।