सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा और बसपा के गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि वह भाजपा का फार्मूला उसी के खिलाफ अपनाने जा रहे हैं। और इस गठजोड़ को तोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा अगर मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकी तो वह फिर सत्ता में नहीं लौटेगी। अखिलेश ने विधान परिषद में 2018-19 के बजट पर सामान्य चर्चा में हिस्सा लेते हुए सपा-बसपा के तालमेल का जिक्र किया और कहा कि अब सपा और बसपा एक हो गए हैं। जो भाजपा ने किया, वही हमने सीखा। जो फार्मूला आपने तैयार किया, वही फार्मूला हम आपके खिलाफ लगाने जा रहे हैं। अब आपकी कोशिश हमें तोड़ने की होगी। कभी गेस्ट हाउस कांड याद दिला रहे हैं। कभी कुछ याद दिला रहे हैं। मुझे खुशी है कि जो जवाब मुझे देना था, वह बसपा नेता मायावती ने दे दिया। अब भाजपा हर लड़ाई में हारेगी। हममें झगड़ा कराने के लिए भाजपा ने क्या नहीं किया। बसपा का राज्यसभा उम्मीदवार हरवा दिया। हम समाजवादियों का दिल इतना बड़ा है कि कुछ देना पड़ेगा तो आगे चलकर दे देंगे।

उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और सत्तापक्ष के अन्य सदस्यों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन तोड़कर दिखाएं। नहीं तोड़ सके तो जान लो कि दोबारा सत्ता में नहीं आ पाओगे। उन्होंने कहा- वह बसपा नेता का फिर धन्यवाद करना चाहते हैं। पीस पार्टी समेत तमाम सहयोगियों का भी शुक्रिया, जिन्होंने मिलकर गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को हराकर पूरे देश में एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सभी भाषा की मर्यादा भूल गए हैं। योगी इतना बौखला गए हैं कि सपा और बसपा को सांप-छछूंदर कह दिया। यह एक मुख्यमंत्री की भाषा नहीं हो सकती। योगी ने सदन में कहा कि मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है, तो क्या मुझे गर्व नहीं है। हम ऐसे ‘बैकवर्ड प्रोग्रेसिव हिंदू’ हैं, जिनका कोई मुकाबला नहीं है। भाजपा का शुक्रिया कि उसने हमें बैकवर्ड बना दिया। उन्होंने कहा- भाजपा परिवारवाद को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती है। मुख्यमंत्री योगी आखिर कैसे गोरक्षपीठ के मुखिया बने। परिवारवाद नहीं होता तो शायद वह भी मठ के मुखिया न बन पाते। देश में सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी अगर कोई है तो वह भाजपा ही है।

अखिलेश ने कहा, अखबार में मेरी संपत्ति की सीबीआइ जांच कराने और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के खिलाफ मुकदमे खोलने की बात छपी है। सरकार आखिर यह क्यों कर रही है। यह राजनीति का व्यवहार नहीं है। दो ‘डिफेंस कारीडोर’ बनाए जाने की योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग राजनीतिक द्वेष से विकास योजनाओं की अनुमति रोकते हैं, वे भला ‘डिफेंस कारीडोर’ क्या बनाएंगे। यह गलियारा बनाने की शुरुआत बसपा सरकार के कार्यकाल में हुई थी। उसके बाद सपा की सरकार को रक्षा मंत्रालय ने आगे काम कराने की इजाजत नहीं दी।

उन्होंने किसानों की कर्जमाफी, युवाओं को रोजगार, कानून व्यवस्था, बिजली और स्मार्ट सिटी समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार ने समाज के हर वर्ग को धोखा दिया है। अखिलेश ने कहा कि 2018-19 के लिए प्रदेश की योगी सरकार के पेश बजट से कुछ भला नहीं होने वाला। जनता ने दिल्ली के पांच बजट और उत्तर प्रदेश के दो बजट देख लिए। जब जनता को मौका मिलेगा, तब वह आपको सबक सिखा देगी।