दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल के समाधान के लिए सोमवार को की जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे हर कोई संतुष्ट होगा और जिस प्रदर्शन के कारण शहर को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, वो खत्म हो जाएगा।
बेंगलुरू में इलाज करा रहे केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘हमने एमसीडी हड़ताल का समाधान ढूंढ़ने का प्रयास किया है। इसकी घोषणा हम तीन बजे करेंगे। उम्मीद है कि इससे हर कोई संतुष्ट होगा और हड़ताल खत्म हो जाएगी।’ केजरीवाल की घोषणा पर प्रतिक्रिया जताते हुए श्रम संगठनों के नेताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि मुख्यमंत्री नगर निगम में वेतन संकट का कोई स्थायी समाधान पेश कर सकेंगे।
स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त मोर्चा के संजय गहलोत ने कहा, ‘यह केवल एक या दो महीने के वेतन का सवाल नहीं है। हम स्थायी समाधान चाहते हैं। वह बेंगलुरू से समाधान की बात कर रहे हैं लेकिन जब तक हमें वेतन नहीं मिलता, हम उनकी बातों पर विश्वास नहीं करेंगे।’ यह संगठन सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का नेतृत्व कर रहा है।
कामगारों ने आज भी राजधानी की मुख्य सड़कों पर जाम लगाया जिससे व्यस्त समय में यातायात बाधित रहा जबकि दिल्ली सरकार ने कहा कि जिस प्रदर्शन से महानगर त्रस्त है वह ‘‘राजनीतिक’’ है और इसे भाजपा ने उकसाया है। सफाईकर्मियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 और विकास मार्ग सहित विभिन्न हिस्से में बड़े रास्तों को जाम कर दिया जिससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने सड़कों पर कूड़ा फैला दिया और टायर जलाए।
उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह नगर निगम को सशर्त कर्ज दे। उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने ट्वीट किया, ‘अगर दिसम्बर तक का वेतन भुगतान किया गया है तो फिर हड़ताल क्यों?’
आपको बता दें कि एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल को आज आठवां दिन है। सोमवार को आरएसएस के भारतीय मजदूर संघ से जुड़े सफाई कर्मचारी संघ ने जैन के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। जैन ने प्रदर्शन में भाजपा शासित निगमों के पार्षदों और महापौर की भूमिका पर सवाल उठाए। तीनों नगर निकाय ने कल दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि कर्मचारियों को दिसम्बर 2015 तक का वेतन भुगतान कर दिया गया है।
जैन ने कहा, ‘‘यह राजनीति की तरह लगता है। अगर वास्तव में उन्होंने वेतन का भुगतान किया है तो इस तरह का प्रदर्शन क्यों? भाजपा राजनीति कर रही है और लोगों को गुमराह कर रही है। अन्यथा प्रदर्शनों में महापौर और भाजपा पार्षदों की उपस्थिति का क्या मतलब है?’ सतेंद्र जैन ने कहा कि कोई भी आश्वस्त नहीं हो सकता कि क्या एमसीडी अधिकारियों ने अदालत को सच्चाई बताई है या नहीं। उपराज्यपाल ने आशंका जताई है कि प्रदर्शन जारी रहने से राजधानी में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।
हड़ताल से नगर निकायों द्वारा संचालित अस्पतालों और स्कूलों का कामकाज बाधित हुआ है और कचरे का निस्तारण भी नहीं हो रहा है जबकि दिल्ली सरकार लगातार कह रही है कि उसने गैर योजना मद में नगर निकायों को पूरा कोष जारी कर दिया है।

