UP Assembly By Poll: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं, जिसका ऐलान निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ ही कर सकता है। इन दस सीटों में से तीन BJP, दो RLD और 5 समाजवादी पार्टी के पास थीं। सबसे ज्यादा चर्चा मिल्कीपुर सीट की है क्योंकि फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद इस सीट से ही विधायक थे और लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।
पूरे देश की नजर मिल्कीपुर सीट पर है लेकिन एक सीट ऐसी भी है, जिसे जीतना BJP के लिए नामुमकिन तक बताया जाता है और वो सीट कोई और नहीं बल्कि कानपुर नगर के तहत आने वाली सीसामऊ विधानसभा है। दरअसल, 10 विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 6 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है, जिसमें से एक सीट सीसामऊ की भी है।
इस सीट के खाली होने की वजह यह है कि यहां से सपा के विधायक इरफान सोलंकी को एमपी एमएलए लोअर कोर्ट ने आगजनी केस में 2 साल से ज्यादा की सजा सुनाई है, जिसके चलते उनकी सदस्यता चली गई है। ऐसे में सपा ने अपने इस गढ़ से इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को उतारा है।
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सपा का गढ़ मानी जाती है सीसामऊ विधानसभा सीट
समाजवादी पार्टी इस सीट से पिछले तीन बार से चुनाव जीतती आ रही है। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने इस सीट को सपा का गढ़ बना दिया है। उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी कानपुर की ही आर्यनगर सीट से 1996 और 2002 में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
सीसामऊ सीट पर बीजेपी को आखिरी जीत साल 1996 विधानसभा चुनाव में मिली थी और पार्टी के नेता राकेश सोनकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए यूपी विधानसभा पहुंचे थे।
इसके बाद दो बार यह सीट कांग्रेस नेता संजीव दरियाबादी ने जीती और 2009 के बाद हुए परिसीमन के बाद यह सीट सपा का गढ़ बन गई। 2012, 2017 और 2022 तीनों ही विधानसभा चुनाव में यहां सपा का झंडा बुलंद रहा।
प्रत्याशी | पार्टी | कार्यकाल |
शिव लाल | कांग्रेस | 1974 |
मोती राम | जनता पार्टी | 1977, 1980 |
कमला दरियाबादी | कांग्रेस | 1980, 1985 |
शिव कुमार बेरिया | जनता दल | 1989, |
राकेश सोनकर | बीजेपी | 1991, 1993, 1996 |
संजीव दरियाबादी | कांग्रेस | 2002, 2007 |
इरफान सोलंकी | समाजवादी पार्टी | 2012, 2017, 2022 |
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Sishamau सीटा का क्या है इतिहास
इस सीट के इतिहास की बात करें तो यह 1974 में अस्तित्व में आई थी। सीसामऊ विधानसभा 2012 तक तो एक सामान्य सीट ही थी लेकिन इसकी डेमोग्राफी और परिसीमन में हुए बदलाव के बाद स्थिति पलट गई।
इस सीट पर 5 बार कांग्रेस और 3 बार बीजेपी जीती। 1974 में कांग्रेस के शिवपाल वाल्मीकि ने जीत दर्ज की थी। समाजवादी पार्टी अब तीन बार से यह सीट अपने पास रखे हुए हैं।
BJP के लिए क्यों मुश्किल है सीसामऊ विधानसभा सीट
कानपुर नगर की इस सीट की खास बात यह है कि सीसामऊ मुस्लिम बाहुल इलाका है। इस विधानसभा क्षेत्र में 70 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती है, जिसके चलते बीजेपी के लिए यहां घ्रुवीकरण का खेल भी प्रभावी नहीं रहता है और यह सीट बीजेपी के लिए हमेशा ही कथित तौर पर असंभव मानी जाती है।
2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो इस चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने ही जीत दर्ज की है। यहां से इरफान सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने BJP प्रत्याशी सलिल विश्नोई को हराया था। सपा प्रत्याशी को 79,163 वोट मिले थे। बीजेपी के प्रत्याशी सलिल विश्नोई को 66,897 वोट मिले थे। इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी को 5,616 वोट मिले थे।
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पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
समाजवादी पार्टी | इरफान सोलंकी | 79,163 |
BJP | सलिल विश्नोई | 66,897 |
कांग्रेस | हाजी सुहेल अहमद | 5,616 |
2017 विधानसभा चुनाव के नतीजे
साल 2017 के सीसामऊ विधानसभा चुनाव के चुनाव नतीजों का जिक्र करें तो यहां से इरफान सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को करीब 5,826 वोटों से हराया था। इरफान सोलंकी को 79,163, सुरेश अवस्थी को 67,204, नंद लाल कोरी को 11949 वोट मिले थे।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट |
समाजवादी पार्टी | इरफान सोलंकी | 79,163 |
BJP | सुरेश अवस्थी | 67,204 |
BSP | नंद लाल कोरी | 11949 |
CM योगी ने कार्यकर्ताओं में भरा था जोश
सीएम योगी आदित्यनाथ इस सीट को लेकर अगस्त में कानपुर का दौरा भी कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच यह भी कहा था कि भले ही अल्पसंख्यक आबादी ज्यादा हो फिर भी बीजेपी चुनाव जीत सकती है। सीएम योगी ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को रामपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव और उसमें बीजेपी को मिली जीत का जिक्र भी किया था।
सीएम योगी ने सपा को लेकर लाल टोपी वाला बयान भी यहीं कानपुर से ही दिया था। उन्होंने कहा था कि समाजवादी प्रदेश के अंदर अराजकता पैदा करने की मंशा से अवसर का जाया नहीं करती है।
उस दौरान अयोध्या रेप केस चर्चा में था, जिसको लेकर सीएम योगी ने कहा था कि अयोध्या के अंदर सपा के चरित्र को देखा है। निषाद बेटी के साथ चरित्र का हनन करता है। सपा उसका समर्थन करती है।
सीएम योगी ने सपा पर हमलावर होते हुए कहा कि इनके नेता सदन में सद्भावना ट्रेन चलाने की बात करते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन चलेगी। इनका तीसरा मॉडल कन्नौज में नवाब ब्रांड पहचान है। कैसे बेटियों के साथ बेशर्मी से खिलवाड़ करते हैं। इनके इतिहास के पन्नों को पलटलेंगे तो लाल टोपी के काले कारनामें मिलेंगे।
अखिलेश यादव ने की थी इरफान सोलंकी के परिवारवालों से मुलाकात
एक तरफ जहां सीएम योगी यहां से समाजवादी पार्टी पर हमलावर नजर आए थे तो दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी यहां पूरी ताकत झोंक रहे हैं। लखनऊ में इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद अखिलेश यादव ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी समेत उनके परिजन से मुलाकात की थी।
ऐसे में सीसामऊ की यह सीट बीजेपी के लिए एक बार फिर बड़ा चैलेंज होने वाली है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हुए नुकसान के बाद सीएम योगी के नेतृत्व पर सवाल खड़े हुए थे। इसके चलते सीएम योगी ने हर सीट के लिए अपने मंत्रियों की एक स्पेशल टीम बनाई है।
श्रम मंत्री अनिल राजभर से लेकर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना नितिन अग्रवाल सभी लगातार पार्टी की चुनावी तैयारियों का जायजा लेने आते रहते हैं। अब यह देखना होगा कि क्या इस सीट पर बीजेपी रामपुर या स्वार सीट की तरह कोई बड़ा चुनावी इतिहास रच सकती है।