गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब शिवसेना ने भी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले यहां आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिवसेना, गोवा में 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि हमारी पार्टी गोवा विधानसभा के अगले साल होने वाले चुनाव में 22 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। राउत गोवा में डाबोलिम हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ये घोषणा की।
राउत के गोवा पहुंचने पर गोवा शिवसेना के प्रमुख जितेस्ट कामत और स्थानीय शिवसेना नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राउत विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गोवा पहुंचे हैं। राउत ने कहा कि गोवा और महाराष्ट्र भावनात्मक संबंध साझा करते हैं। शिवसेना जिस तरह से महाराष्ट्र में शासन कर रही है, वह गोवा पर भी शासन करेगी।
फिलहाल गोवा के 40 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास एक भी विधायक नहीं है। पार्टी ने 2017 का चुनाव महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठबंधन में लड़ा था, लेकिन शिवसेना कोई भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई थी। शिवसेना ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन वो खाता नहीं खोल सकी थी।
कांग्रेस ने पिछले चुनावों में 17 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 13 सीटें हासिल की थीं। लेकिन कांग्रेस को चकमा देते हुए, भाजपा ने क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर लिया था और तब मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बना ली थी।
कांग्रेस के लिए गोवा चुनाव मुश्किल होता दिख रहा है। उसके अपने ही सहयोगी इस बार उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस को अभी तक का सबसे बड़ा झटका ममता बनर्जी ने दिया है। टीएमसी ने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लुईजिन्हो फलेरियो को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है। फलेरियो को कांग्रेस ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गोवा कांग्रेस की प्रचार समिति का प्रमुख बनाया था।
उधर आम आदमी पार्टी भी अपने विस्तार को लेकर गोवा में होने वाले चुनाव पर नजरें टिका रखी है। केजरीवाल खुद इस बार मोर्चा संभाले हुए हैं।