Crimination of Sharad Yadav: जनता दल युनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष (Ex President of JDU) और वरिष्ठ समाजवादी नेता (Senior Socialist Leader) शरद यादव (Sharad Yadav) का अंतिम संस्कार शनिवार (14 जनवरी) को मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिला होशंगाबाद (Hoshangabad) में किया जाएगा। ये उनका पैतृक गांव है। शरद यादव का पार्थिव शरीर चार्टर्ड विमान के जरिए नई दिल्ली से भोपाल (Bhopal) ले जाया गया। इसके बाद उनके बाद पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से पैतृक गांव आंखमऊ ले जाया गया।
12 जनवरी को हुआ था Sharad Yadav का निधन
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का बीमारी के चलते 12 जनवरी को निधन हो गया था। उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी कि मेरे पिता शरद यादव के पार्थिव शरीर को दिल्ली से उनके पैतृक गांव आंखमाऊं, तहसील बाबई जिला होशंगाबाद में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शनिवार दोपहर 1:30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सियासी जोड़-तोड़ के बड़े खिलाड़ी रहे शरद यादव
शरद यादव को सियासी जोड़-तोड़ का माहिर खिलाड़ी माना जाता था। वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सियासी गुरु माने जाते रहे हैं। इतना ही नहीं शरद यादव को लालू प्रसाद यादव के सियासी करियर का शिल्पकार माना जाता है। लालू के राजनीतिक सफर में उनका अहम योगदान रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ शरद यादव की बहुत ही गहरी मित्रता थी।
ऐसा रहा Sharad Yadav का सियासी सफर
एक जुलाई 1947 को जन्मे शरद यादव मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गांव में पैदा हुए थे। शरद यादव ने जबलपुर के रॉबर्टसन कॉलेज से विज्ञान वर्ग में स्नातक किया था। वो पेशे से एक कृषक और शिक्षा से इंजीनियर थे। शरद यादव का सियासत से सफर में खुद तो कभी किंग नहीं बने लेकिन वो सियासत के बड़े किंग मेकर्स में से एक थे।
साल 1989 में उन्होंने रेखा यादव से विवाह किया
शरद यादव ने 15 फरवरी साल 1989 में रेखा यादव से विवाह किया। शरद यादव और रेखा यादव को एक बेटा और एक बेटी है। उनकी बेटी सुहाषिनी ने साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।