महाराष्ट्र में सबसे ताकतवर पार्टी एनसीपी में नये घटनाक्रम से राज्य के सियासी नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है। ताजा बयान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत का आया है। उन्होंने कहा कि गंदी राजनीति से परेशान होकर ही शिवसेना सुप्रीमो बालासाहब ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने शरद पवार की तुलना बालासाहब ठाकरे से करते हुए कहा कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है। शिवसैनिकों के प्रेम की वजह से बालासाहब ने अपना फैसला वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि बालासाहब की तरह शरद पवार भी राज्य की राजनीति की आत्मा हैं।

हाल ही में राउत ने एनसीपी में टूट की जताई थी आशंका

संजय राउत का शरद पवार से अच्छे संबंध हैं। वे अक्सर मीडिया में विभिन्न मुद्दों पर बयान देकर चर्चा में बने रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने एक बयान दिया था कि एनसीपी में टूट हो सकती है। उन्होंने दावा किया था कि पवार ने उनको बताया है कि पार्टी में रैंक बदलने के लिए कुछ लोगों का उन पर दबाव है। इसी के बाद कई तरह की अटकलें शुरू हो गई थीं।

यह भी कहा जा रहा था कि पार्टी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार भाजपा से हाथ मिला सकते हैं। हालांकि पार्टी ने इस तरह की अटकलों का तुरंत खंडन कर दिया था। मंगलवार को शरद पवार के इस्तीफे के बाद अब इस तरह की अटकलें फिर से लगाई जाने लगी हैं।

शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना 1999 में की थी। तब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके राजनीतिक मतभेद के चलते उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। उसके बाद पिछले विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के टूट जाने से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन की स्थापना की थी।

शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्य में एमवीए की सरकार सत्ता में आई थी। हालांकि पिछले साल शिवसेना में विद्रोह होने और एकनाथ शिंदे गुट के अलग हो जाने से यह सरकार गिर गई थी और शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली थी।