बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी का संकट बढ़ता जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार से टकराव के बाद अब पार्टी के नेता एक के बाद एक दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। ताजा मामला पश्चिम चम्पारण बेतिया के जिलाध्यक्ष का है। मंगलवार को पश्चिम चम्पारण के मुख्यालय बेतिया में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के सामने लोक जनशक्ति पार्टी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए। जनवरी में भी एलजेपी के 27 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया था।
इसमें पूर्व प्रदेश महासचिव व सीतामढ़ी के प्रभारी विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा, दलित सेना के प्रदेश महासचिव रामेश्वर हजरा, प्रधान जिला महासचिव प्रेमचंद्र हजरा, पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामनंद चौरसिया, पूर्व जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम राय तथा पूर्व जिला महासचिव दलरमण कुशवाहा व रामानाथ शर्मा शामिल हैं। युवा एलजेपी के पूर्व जिला महासचिव ओमप्रकाश कुमार कुशवाहा, महासचिव संजय कुशवाहा तथा सचिव विकास कुमार कुशवाहा भी दल बदलने वालों में शामिल हैं।
कार्यक्रम में पश्चिम चंपारण में लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से चिराग पासवान की पार्टी दो हिस्सों में बंट गई। इससे पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर नाराज प्रदेश महासचिव और सीतामढ़ी के प्रभारी विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा तथा प्रदेश दलित सेना के महासचिव रामेश्वर हजरा सहित पश्चिम चंपारण के 30 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
नेताओं के पार्टी छोड़ने की बाबत विश्वनाथ प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि चिराग पासवान कुछ लोगों के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं। वे मनमानी कर रहे हैं और एलजेपी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आस्था जताई तथा कहा कि वे भी उनके नेतृत्व में देश के विकास में सहभागी बनना चाहते हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी से नेताओं के छोड़कर जाने की यह पहली घटना नहीं है। पिछले महीने 18 फरवरी को एलजेपी के 18 जिलाध्यक्ष और पांच प्रदेश महासचिव सहित 208 नेता जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए थे। पटना में मिलन समारोह का आयोजन कर नेताओं को शामिल किया गया था। पार्टी में बड़ी बगावत थी।