बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया है। राधाकृष्णन के नाम की घोषणा करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि निर्विरोध चुनाव हो जाए। जेपी नड्डा ने आम सहमति बनाने की अपील की है, लेकिन विपक्षी नेताओं द्वारा इस हफ्ते इंडिया गठबंधन की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है। हालांकि उससे पहले शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने राधाकृष्णन की तारीफ की है।

संजय राउत ने किया राधाकृष्णन के नाम का स्वागत

संजय राउत ने स्पष्ट किया कि शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र से जुड़े किसी नेता के नामांकन का स्वागत करती है, लेकिन उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन के सामूहिक निर्णय का पालन करेगी। हालांकि संजय राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे हमेशा से मानते रहे हैं कि ऐसे संवैधानिक पदों के लिए चुनावों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और उम्मीदवारों का निर्विरोध चुनाव होना चाहिए।

राधाकृष्णन बेहद संतुलित और गैर-विवादास्पद व्यक्तित्व- राउत

संजय राउत ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, “राधाकृष्णन पिछले एक साल से महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शांतिपूर्वक काम कर रहे हैं और राजनीति में एक बेहद संतुलित और गैर-विवादास्पद व्यक्तित्व हैं। हमें खुशी है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को देश का उपराष्ट्रपति बनने का अवसर मिल रहा है। हम ऐसी नियुक्तियों का हमेशा स्वागत और अभिनंदन करते हैं। लेकिन वह एनडीए के उम्मीदवार हैं और हम विपक्ष में हैं। इंडिया गठबंधन सामूहिक निर्णय लेगा और शिवसेना (यूबीटी) जो भी निर्णय लेगी, उसे मानेगी। दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ एक बैठक भी होनी है, जहां इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।”

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शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि विपक्षी मोर्चे के पास उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार को हराने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है। उन्होंने कहा, “चूंकि भारतीय जनता पार्टी के पास उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है, इसलिए असली मुद्दों से ध्यान नहीं भटकना चाहिए। वोट चोरी, मतदाता सूचियों में हेराफेरी और बिहार में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण), ये वो मुद्दे हैं जिन्हें राहुल गांधी ने उठाया है और इन्हीं पर ध्यान केंद्रित रहना चाहिए।”

समर्थन पर क्या कहा?

संजय राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन के फैसले का पालन करेगी और उद्धव पहले ही राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को अपने विचार बता चुके हैं। संजय राउत ने चुनाव आयोग की इस मांग की भी आलोचना की कि राहुल गांधी वोट चोरी के अपने आरोपों के समर्थन में एक हलफनामा पेश करें। उन्होंने पूछा, “यह अहंकार है। क्या चुनाव आयोग अनुराग ठाकुर से भी हलफनामा दाखिल करने को कहेगा जब उन्होंने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं? या आयोग का साहस सिर्फ राहुल गांधी के लिए है?”

शिंदे ने दिया समर्थन

इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन घोषित किया। शिंदे ने कहा, “सीपी राधाकृष्णन जी को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के रूप में नामित करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने भारतीय राजनीति में एक अनुभवी, बौद्धिक, ईमानदार और देशभक्त व्यक्तित्व को उचित सम्मान दिया है।”

महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णनजी हमारे लिए गौरव का सोर्स रहे हैं। एक सांसद के रूप में उनके संसदीय अनुभव और राज्यपाल के रूप में उनके गहन प्रशासनिक ज्ञान के साथ, उनकी उम्मीदवारी का शिवसेना पूर्ण समर्थन करती है। हमें विश्वास है कि उपराष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए उल्लेखनीय साबित होगा। शिवसेना की ओर से मैं सीपी राधाकृष्णन को उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

66 वर्षीय राधाकृष्णन ने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला। वह इससे पहले फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल रहें और कुछ समय के लिए तेलंगाना और पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। वह दो बार लोकसभा के लिए कोयंबटूर से निर्वाचित हुए। राधाकृष्णन भाजपा तमिलनाडु के अध्यक्ष भी रहें।