उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के रिश्तों में खटास देखी जा रही है। सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने तो यहां तक संकेत दे दिए हैं सपा से नाता टूटते ही उनकी पार्टी बसपा की तरफ रुख करेगी। हालांकि उनकी इस मंशा को लेकर उनके ही पुराने सहयोगी शशि प्रताप सिंह ने कहा है कि मायावती की बात तो छोड़िए, ओपी राजभर को अब कोई भी भाव नहीं देगा।

ओपी राजभर ने इस नये पैतरे को लेकर सुभासपा छोड़ अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय समता पार्टी बनाने वाले शशि प्रताप सिंह ने कहा कि बसपा तो छोड़िए उन्हें इस बार कोई नहीं पूछेगा। समता पार्टी के गठन के बाद वाराणसी में पार्टी की बैठक के बाद शशि प्रताप सिंह ने राजभर पर कहा कि उन्हें कौन लेगा अपनी पार्टी में, जब उन्हें सब झूठ ही बोलना है तो उन्हें अपने साथ लेगा कौन?

दरअसल ओपी राजभर ने इशारों में कहा था कि वो अब बसपा के साथ जा सकते हैं। इसपर शशि प्रताप सिंह ने कहा, “वो कहीं नहीं जाएंगे, बसपा से ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत की लेकिन बसपा को ही गाली देते हुए बाहर निकल आए। अब क्या बसपा उन्हें साथ लेगी?”

उन्होंने कहा, “बसपा, सपा और कांग्रेस के साथ उनका रहना मुश्किल है। उनका राजनीतिक चरित्र और कार्यशैली, राजनीति के लायक नहीं है। हमारी पार्टी जिस तरह से आगे बढ़ रही है, उससे आगे अगर हम कोई मोर्चा बनाएं तो संभव है कि उसमें उन्हें स्थान मिल जाए।”

वहीं शशि प्रताप सिंह के सुभासपा छोड़ने पर ओपी राजभर ने कहा, “सागर में से एक गिलास पानी निकालने से क्या होता है। सही बात की उनको जानकारी नहीं है।” बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ओपी राजभर लगातार अखिलेश यादव को नसीहत देते नजर आए हैं। ऐसे में सपा की तरफ से उन्हें कहा गया है कि वो अपना देखें और सपा अपना देखेगी। ऐसे में सवाल है कि राजभर सपा के साथ अपना गठबंधन जारी रखेंगे या नहीं।