बिहार में विपक्षी महागठबंधन की पार्टियों में सीटों के मामले पर पेच फंस गया हैं। दरअसल, कांग्रेस ने बिहार में 16 सीटों की मांग की है और इस तरह के संकेत दिए हैं कि वो 12 से कम में समझौता नहीं करेगी। इस बीच, लालू की पार्टी आरजेडी एक ‘वैकल्पिक योजना’ पर काम करने में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने महागठबंधन की छोटी पार्टियों से कहा है कि वे बिना कांग्रेस वाले गठबंधन के लिए तैयार रहें। महागठबंधन की अधिकतर पार्टियां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 3 फरवरी को पटना में होने जा रही रैली से पहले सीट बंटवारे पर अंतिम रजामंदी बनाने के मूड में हैं। हालांकि, कांग्रेस चाहती है रैली को विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए। पार्टी यह भी चाहती है कि सीटों के बंटवारे का ऐलान राहुल की रैली के बाद हो।
हाल ही में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एसपी चीफ अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की थी। इन दोनों ही पार्टियों ने साथ आते ही हुए यूपी में कांग्रेस को अपने गठबंधन से दूर रखा था। उधर, तेजस्वी भले ही मकर संक्राति के मौके पर बिहार कांग्रेस के नेता से नजदीकियां बढ़ाते नजर आ रहे हों, लेकिन आरजेडी ने कथित तौर पर कुछ आरक्षित सीटों पर आरएलएसपी और दूसरी पार्टियों को कोई वादा नहीं किया है। इनमें गोपालगंज की सीट भी शामिल है। इस बात की अटकलबाजी है कि अगर कांग्रेस अपनी मांग 12 सीट से कम नहीं करती तो आरजेडी शायद यूपी की सीमा से सटे गोपालगंज की सीट बीएसपी को ऑफर करे। आरजेडी के एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की कि लालू की पार्टी एक ‘वैकल्पिक योजना’ पर भी काम कर रही है।
हालांकि, सूत्र का यह भी कहना है कि फिलहाल कांग्रेस के साथ बातचीत फेल नहीं हुई है। आरजेडी के एक नेता का मानना है कि भले ही कांग्रेस ने तीन राज्यों में जीत हासिल की हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उसे बिहार में पिछली बार के चुनाव में मिली 2 सीटों पर जीत से बेहतर कामयाबी मिले। आरजेडी नेता को लगता है कि कांग्रेस को कुछ व्यवहारिक मांग करनी चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने कांग्रेस को 7 से 8 सीटें ऑफर की हैं क्योंकि लालू की पार्टी वाम दलों को भी जोड़ने की कोशिश कर रही है। हालांकि, कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा कि 10 से ज्यादा सीटें व्यवहारिक डिमांड ही है। वहीं, आरएलएसपी के एक नेता के मुताबिक, उनकी पार्टी और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी से आरजेडी के एक शीर्ष नेता ने पूछा है कि क्या वे कांग्रेस के बिना महागठबंधन में आरजेडी के साथ खड़ी रहेंगी?