Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सियासी उठापठक और बयानबाजी जारी है। इन सबके बीच आरजेडी ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन और राज्य सरकार के नेतृत्व से संबंधित सवालों पर राजद के सभी नेताओं के बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शनिवार (1 अक्टूबर, 2022) को एक पत्र जारी किया। पत्र के अनुसार, सभी सांसद, विधायक, पदाधिकारियों और नेताओं से आग्रह किया जाता है कि गठबंधन, सरकार और नेतृत्व से सबंधित सवालों पर किसी भी टिप्पणी से परहेज करें। उन्होंने कहा कि राजद विधायक दल की बैठक में इस पर कड़ा निर्देश पहले ही जारी किया जा चुका है कि महागठबंधन नेतृत्व और उससे जुड़े फैसलों पर सिर्फ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही आधिकारिक बयान दे सकते हैं।
दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री पद को लेकर राजद के कई नेताओं ने बयान दिये थे। इससे महागठबंधन के अंदर विवाद की स्थिति बन गई थी। जदयू के विरोध के बाद राजद ने इसे गंभीरता से लिया और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव खुद बचाव में आगे आए। उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री की रेस से बाहर बताकर सभी विवादों पर विराम लगा दिया था।
तेजस्वी यादव ने तब कहा था कि उनको मुख्यमंत्री बनाने के बयान देने वाले नेताओं से पहले ही कहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता और मुख्यमंत्री हैं। बिहार में सात दलों ने मिलकर नीतीश कुमार को अपना नेता चुना है। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात नहीं होनी चाहिए। ऐसे में पार्टी का कोई भी नेता इस संबंध में बयानबाजी न करे।
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा ही इस संबंध में दिल्ली में दिये बयान के बाद कई और नेताओं ने बयान दिया था। जगदानंद ने कहा था कि देश नीतीश कुमार का और बिहार तेजस्वी यादव का इंतजार कर रहा है। 2022 बीतने के बाद 2023 में नीतीश कुमार देश की लड़ाई लड़ेंगे और बिहार के भविष्य की लड़ाई तेजस्वी के हाथों में सौंप देंगे। उनके इस बयान के बाद वरीय विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा था कि तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनना तय है।
