Bihar Adhikar Yatra: बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार अधिकार यात्रा शुरू कर दी है। इस यात्रा की शुरुआत जहानाबाद से हुई है और इसका समापन वैशाली में होगा। 5 दिन की यात्रा में तेजस्वी यादव का प्रदेश के 10 जिलों जहानाबाद, नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर और वैशाली को कवर करेंग। आइए अब जानते हैं कि पिछली बार के विधानसभा चुनाव में आरजेडी का चुनावी प्रदर्शन इन जिलों की विधानसभा सीटों पर कैसा रहा था।

तेजस्वी यादव की यात्रा का आगाज जहानाबाद से हुआ है। यह आरजेडी का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस जिले में जहानाबाद, मकदूमपुर और घोसी आती हैं। इन सभी विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का दबदबा था। दो सीटों पर आरजेडी ने बाजी मारी थी और एक सीट पर सीपीआई एमएल ने जीत दर्ज की थी। जहानाबाद विधानसभा सीट पर आरजेडी के सुदय यादव 33,902 वोटों से जीते थे। वहीं, मकदूमपुर सीट से आरजेडी के सतीश कुमार ने 22,565 वोटों से जीत हासिल की और घोषी से रामबाली यादव विनर रहे थे।

पटना की 14 सीटों में से कितनी आरजेडी के खाते में आईं

बिहार की राजधानी पटना की 14 सीटों की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल ने 6 सीटों पर बाजी मारी थी और 2 सीटों पर माले और एक पर कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की थी। मोकामा सीट आरजेडी के अनंत सिंह ने जीती थी। जीत का मार्जिन था 35,757 वोट। वहीं मसौढ़ी से राष्ट्रीय जनता दल की रेखा देवी चुनाव जीती थीं। जीत का मार्जिन 32,227 वोट था।

वैशाली जिले की तीन विधानसभा सीटों पर आरजेडी का कब्जा है। महुआ से मुकेश कुमार रोशन 13,687 वोटों से जीते थे। वहीं राघोपुर विधानसभा सीट से तेजस्वी यादव 38,174 वोटों से जीते थे। महनार सीट से बीना सिंह 7,947 वोटों से जीती थीं।

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समस्तीपुर जिले में 10 सीटें आती हैं। इसकी 10 में से पांच सीटों पर महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी। समस्तीपुर विधानसभा सीट पर आरजेडी के अख्तरुल इस्लाम ने 4,714 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं मोरवा की सीट से आरजेडी के रनविजय सिंह ने 10,671 वोट से जीत हासिल की थी। सबसे ज्यादा वोट मार्जिन का अंतर तो उजियारपुर में देखने को मिला था। यहां पर आरजेडी के आलोक कुमार मेहता ने 23,268 वोटों से जीत दर्ज की थी। इसमें से एक सीट हसनपुर से तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव के पास भी थी। वह 21,139 वोटों से जीते थे।

नालंदा में देखने को मिला दिलचस्प मुकाबला

नालंदा जिले में अंतर्गत 7 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पर बेहद ही दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था। आरजेडी को इस जिले में केवल इस्लामपुर विधानसभा सीट ही मिली थी। इस सीट पर राकेश कुमार रौशन ने 3,698 वोटों से जीत दर्ज की थी। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है। वहीं बात अब अगर बेगूसराय जिले की करें तो यहां पर मुकाबला टक्कर का था। 7 विधानसभा सीटों में से आरजेडी के पास दो सीटें और सीपीआई के पास दो सीटें हैं। बाकी बची हुई तीन सीटों में से 2 पर भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा जमाया और एक पर लोजपा ने जीत दर्ज की।

मधेपुरा जिले में चार विधानसभा सीटे आती हैं। इसमें से दो सीटें आरजेडी के खाते में गई थीं। मधेपुरा से आरजेडी के नेता चंद्रशेखर ने 15,072 वोट से जीत दर्ज की थी। 2020 के चुनाव में आरजेडी के चंद्रहास चौपाल ने जदयू के रमेश ऋषिदेव को करीब मुकाबले में मात दी थी। 5573 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं यादव बहुल सहरसा जिले के 4 विधानसभा में एक पर राष्ट्रीय जनता दल जीता था। सुपौल में तो पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका था।

खगड़िया जिले की चार विधानसभा सीटों में से दो पर महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी। यहां पर यादव, कुशवाहा, मल्लाह और मुसलमान निर्णायक फैक्टर हैं। सहरसा जिले की चार विधानसभा सीटों में से महज एक पर ही आरजेडी ने कब्जा जमाया था। महिषी सीट पर आरजेडी नेता अब्दुल गफ्फूर जीते थे। यहां पर तेजस्वी यादव अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश करेंगे।

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