Rampur Bypoll: यूपी की रामपुर सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विचार करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में रामपुर सदर विधानसभा सीट (Rampur Assembly Seat) पर हुए उपचुनाव को रद्द करने की याचिका दायर की गई थी। इसके लिए आधार बनाया गया था कि उपचुनाव के दौरान कई मतदाताओं को वोट डालने से रोक दिया गया था।

भाजपा को आजादी के बाद मिली रामपुर सीट पर पहली जीत:

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है। मालूम हो कि रामपुर विधानसभा सीट उपचुनाव में बीजेपी के आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के आसिम रज़ा को हरा दिया था। मालूम हो कि आजादी के बाद से पहली बार रामपुर की सीट पर बीजेपी का कमल खिला था। इससे पहले 45 सालों से आजम खान या उनके परिवार का ही इस सीट पर कब्जा रहा था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक उस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना (हनी) को 62.06 फ़ीसद वोट हासिल हुए थे। वहीं समाजवादी पार्टी के मोहम्मद असीम राजा को 36.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। बता दें कि 8 दिसंबर 2022 को इस सीट पर नतीजे घोषित हुए थे।

दरअसल रामपुर विधानसभा सीट पर आजम खान ने 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में जीते थे लेकिन हेट स्पीच मामले मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वे अयोग्य घोषित हो गए, जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी।

रामपुर उपचुनाव को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “यह याचिका चुनाव कानून को उल्टा करने के बराबर है। आप रिट याचिका दायर करके चुनाव को कैसे चुनौती दे सकते हैं? कृपया चुनाव याचिका दायर करें।” सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जेबी पर्दीवाला भी मौजूद रहे। पीठ ने कहा कि अब तो इस उपचुनाव के नतीजे भी घोषित हो चुके हैं और चुनाव याचिका के अलावा किसी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।

वकील सुलेमान मोहम्मद खान द्वारा दायर इस जनहित याचिका ने पीठ की टिप्पणियों से सहमत होते हुए कहा कि अगर उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की होती, तो यह सुनवाई के लिए कम से कम दस दिनों के लिए सूचीबद्ध नहीं होती। उन्होंने कहा कि चुनाव याचिका केवल परिणाम घोषित होने के बाद ही दायर की जा सकती है।

इसपर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा, “नहीं, नहीं, हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं।” इसके साथ ही अदालत ने इस याचिका को वापस लेने की बात कही।