बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता प्रोफेसर चंद्रशेखर (Professor Chandrashekhar) ने रामचरितमानस को लेकर कमेंट किया, जिसपर घमासान मचा हुआ है। वहीं मंत्री के बयान पर जेडीयू और आरजेडी के बीच भी संशय की स्थिति बनी हुई है। लेकिन आरजेडी (RJD) अपने मंत्री के साथ खड़ी दिखाई दे रही है और अंदरूनी सूत्रों के अनुसार इसके पीछे एक सोची समझी रणनीति है।
RJD ने अपने मंत्री के बयान का खंडन नहीं किया
जबकि जेडीयू ने आरजेडी पर दबाव बढ़ा दिया है, यह कहते हुए कि वह ‘राम-रहीम (हिंदू-मुस्लिम एकता) की समग्र संस्कृति’ में विश्वास करती है। तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व वाली आरजेडी ने अभी तक अपने मंत्री के बयान का खंडन नहीं किया है।
यह प्रकरण ऐसे समय में आया है जब जेडीयू के कुछ वर्ग आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (RJD chief Lalu Prasad) और तेजस्वी द्वारा पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) को अनुशासित करने में विफल रहने से नाखुश हैं। सुधाकर सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अकसर निशाना साधते रहे हैं। सरकारी नीतियों और बिहार में सूखे जैसी स्थिति पर उनकी टिप्पणियों पर नीतीश कुमार द्वारा सार्वजनिक रूप से फटकार लगाने के बाद सुधाकर सिंह ने अक्टूबर में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि उस समय आरजेडी सीएम के मामले को संभालने के तरीके से नाखुश था। आरजेडी ने सुधाकर सिंह को पद से हटा दिया क्योंकि वह महागठबंधन (ग्रैंड अलायंस) सरकार 2.0 की नाव को हिलाना नहीं चाहती थी और भाजपा को कोई राजनीतिक लाभ नहीं देना चाहती थी। राजद ने कार्तिकेय सिंह को भी सितंबर में सरकार से इस्तीफा देने की अनुमति दी थी। हालांकि इस बार पार्टी अपने मंत्री के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। (यह भी पढ़ें: रामचरितमानस नफरत बोता है- बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद विधायक चंद्रशेखर)
हम राम-रहीम संस्कृति में विश्वास करते हैं- जेडीयू
जेडीयू एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने संवाददाताओं से कहा, “हम राम-रहीम संस्कृति (एक समग्र संस्कृति) में विश्वास करते हैं। हम महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलते हैं, जिन्होंने मरने से पहले ‘हे राम’ कहा था, बीआर अंबेडकर जो संविधान निर्माताओं में से हैं और डॉ. राममनोहर लोहिया जो रामायण के मेले लगाते थे। हो सकता है कि वह (चंद्रशेखर) उन तीन लोगों से ज्यादा जानते हों, जिनका मैंने नाम लिया था।”
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राम या रामचरितमानस पर किसी विवाद का कोई सवाल ही नहीं था। उन्होंने कहा, “बहस पाठ के कुछ छंदों पर है। यह उन छंदों की मंत्री की अपनी व्याख्या हो सकती है।” पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सुझाव दिया कि इस मामले पर एक बैठक बुलाई जाए और उसमें तेजस्वी शामिल हों। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD state president Jagdanand Singh) ने भी कहा कि मंत्री सामाजिक भेदभाव और “महिलाओं को नीचा दिखाने” के बारे में बात करने वाले छंदों की ओर इशारा कर रहे थे।