लोजपा प्रमुख और केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि बिहार सरकार एससी-एसटी कर्मियों को पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को समाप्त करने के अपने फैसले को वापस ले। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पासवान ने कहा कि बिहार सरकार एससी-एसटी कर्मियों को पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को समाप्त करने के अपने निर्णय को वापस ले नहीं तो लोजपा इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी।

उन्होंने बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से एक अप्रैल को जारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि एससी-एसटी कर्मियों को पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान देश के अन्य राज्यों में लागू है, ऐसे में बिहार सरकार इसे कैसे समाप्त कर सकती है। रामविलास ने कहा कि यह तर्क देना कि एससी-एसटी को नौकरी में आरक्षण दस साल के लिए दिया गया है, गलत है क्योंकि यह लोकसभा, विधानसभा और पंचायती निर्वाचन के लिए है। सरकारी नौकरी में आरक्षण दस साल के समय की पाबंदी नहीं है और इस बारे में न्यायालय ने भी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर देश में विवाद छिड़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनके रहते यह समाप्त नहीं होगा। इस मौके पर लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार सरकार के एससी-एसटी के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को सीमित कर दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके विरोध में उनकी पार्टी मंगलवार को पटना में एक दिवसीय धरना देगी।

उन्होंने प्रदेश की महागठबंधन (जद (एकी)-राजद-कांग्रेस) सरकार को एससी-एसटी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश में राजग की सरकार बनने पर एससी-एसटी को मिलने वाले आरक्षण को वापस ले लिए अथवा समाप्त कर दिए जाने की बात कर लोगों को भ्रमित करने वाले राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब स्वयं ही एससी-एसटी कर्मियों को पदोन्नति में आरक्षण के प्रावधान को समाप्त कर इसकी पहल कर दी है।