राजस्थान में बीजेपी के सत्ता में आने के कुछ ही घंटों बाद हवामहल विधानसभा से जीतकर आए विधायक संजय शर्मा (बालमुकुंदाचार्य) का नाम काफी सुर्खियों में आ गया था। वजह एक वायरल वीडियो था जिसमें विधायक को कुछ स्थानीय नॉनवेज होटलों के मालिकों से लाइसेंस मांगते हुए देखा गया था। इस मामले का एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह ओल्ड एम एम खान होटल के बाहर मौजूद थे, वह होटल मालिक से कहते हुए सुने गए कि ‘बाबा बवाल है…जयपुर) अपरा काशी है, कराची नहीं” और फिर उनके आसपास के कुछ लोग “जय श्री राम” के नारे लगाने लगे।
अगला दिन इस मामले से थोड़ा उलट था। जब बालमुकुंदाचार्य ने माफी मांगी और कहा कि उन्होंने केवल एक आम नागरिक के रूप में मुद्दों को उठाया था। इस मामले को लेकर जयपुर नगर निगम (हेरिटेज) के अतिरिक्त आयुक्त करतार सिंह का कहना है कि जेएमसी हेरिटेज बॉर्डर के तहत लाइसेंस के साथ नॉनवेज बेचने वाले 115 होटल हैं, जबकि 150 अन्य के पास लाइसेंस नहीं है। अब इन होटल मालिकों को नोटिस भेजा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में क्या बोले बालमुकुंदाचार्य
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 47 वर्षीय बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि उन्होंने जो मुद्दा उठाया था वह कानूनी तौर पर ठीक मुद्दा था लेकिन इसे गलत तरीके से लिया गया। वह नियमों का हवाला देते हुए कहते हैं कि मांस को फ़ैक्टरियों में काटा जाना चाहिए और फिर बेचा जाना चाहिए। लेकिन यहां चारों तरफ बिना लाइसेंस वाली दुकानें हैं, जो बीमारियों को बढ़ावा दे रही हैं। अब मेरे इसे उठाने के बाद लाइसेंस लेने वालों की कतार लग गई है। ये लोग पांच साल तक कहां थे?
बालमुकुंदाचार्य स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय हाथोज धाम मंदिर के महंत के रूप में जाने जाते हैं। विधायक का कहना है कि उनके परिवार में पूजा, सेवा और अध्यात्म की लंबे समय से चली आ रही परंपरा है। वह कहते हैं,“मेरे परिवार की पिछली पाँच से छह पीढ़ियाँ मंदिरों, मठों, आश्रमों और गौशालाओं के लिए समर्पित रही हैं। मैं स्वयं एक आश्रम, मंदिर, गौशाला और गुरुकुल चलाता हूं। हाथोज धाम कई शाखाओं वाला केंद्र है।
कितने पढ़े-लिखे हैं बालमुकुंदाचार्य?
जब इंडियन एक्सप्रेस ने उनसे शिक्षा को लेकर सवाल किया तो बालमुकुंदाचार्य ने बताया कि वह 10वीं कक्षा की परीक्षा कुछ कारणों के रहते नहीं दे पाए, हालांकि उन्होंने कारण नहीं बताए। उन्होंने बताया कि गुरुकुल और घर पर पूजा पाठ और वैदिक अध्ययन के माध्यम से वह सनातन धर्म को अच्छे से समझते हैं। उनका चुनावी हलफनामा दिखाता है कि वह ‘साक्षर’ हैं। विधायक के पिता महंत पुरूषोत्तम दास मुख्य तौर से हाथोज धाम के साथ-साथ गौशाला में सेवा और प्रार्थना में शामिल रहते हैं, उनकी मां का कोविड-19 महामारी के दौरान निधन हो गया था। उनका एक छोटा भाई हैं पंडित अक्षय कुमार है, जो एक गणेश मंदिर में सेवा करते हैं। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक वह शादीशुदा हैं।
आरएसएस और बजरंग दल से रहा है जुड़ाव
बालमुकुंदाचार्य का कहना है कि वह आरएसएस, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद से भी जुड़े रहे हैं। वह कहते हैं, “मैं बचपन से ही आरएसएस से जुड़ा रहा हूं। मैं जहां भी गया या काम किया मैं लगातार आरएसएस शाखाओं में गया।” उनका दावा है कि वह आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल में विभिन्न पदों पर रहे हैं, लेकिन यह बताने से बचते हैं कि इन संगठनों में उनके पास कौन से पद थे।
जेल भी गए बालमुकुंदाचार्य
बालमुकुंदाचार्य का दावा है कि वह अयोध्या में राम मंदिर के लिए अभियान चलाने पर दो बार जेल गए। अपने हलफनामे में बताए गए पुलिस केस पर वह कहते हैं, ”यह एक पुराना मामला है, एक ब्लैकमेलर ने हमारी गौशाला के खिलाफ केस दायर किया था कि यह हमारी जमीन नहीं है, मामला झूठा होने के कारण पुलिस ने इसे बंद कर दिया। ज़मीन 1971 से हमारे पास है। और यह हमें सरकार द्वारा 1,800 रुपये में दी गई थी।” एक दिन पहले भी एक अदालत ने शनिवार को उनके खिलाफ जानबूझकर चोट पहुंचाने, गलत तरीके से रोकने के साथ-साथ जातिवादी गालियां देने सहित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के लिए एक और एफआईआर का आदेश दिया था।