राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को उनके ही विधायक ने झटका दे दिया है। बारां जिले की अटरू विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने ये कहकर इस्तीफा दे दिया कि वो जालौर में 9 वर्षीय दलित छात्र की मृत्यु से आहत हैं। उनका यहां तक कहना था कि कांग्रेस शासन में दलितों और वंचित समुदायों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं।

ध्यान रहे कि राजस्थान में असेंबली चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। पहले सांप्रदायिक तनाव और अब दलित बच्चे की मौत से विपक्षी बीजेपी को मुद्दा हाथ लग गया है। यूपी की सीएम रहीं मायावती ने तो जालौर मामले में राष्ट्रपति शासन तक लगाने की मांग की है। जाहिर है कि अपने ही विधायक के इस्तीफे के बाद गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। वो चौतरफा घिर रही है।

सायला के सुराणा गांव के निजी स्कूल की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले इंद्र मेघवाल की शिक्षक की पिटाई के बाद तबीयत खराब हो गई थी। 9 साल के मासूम के साथ यह घटना बीते 20 जुलाई को हुई थी। इंद्र ने शनिवार को अहमदाबाद में दम तोड़ दिया था। परिजनों का आरोप है कि टीचर ने बच्चे की पिटाई इसलिये की थी उसने पानी के मटके के हाथ लगा दिया। टीचर की पिटाई से मासूम के कान की नस फट गई थी।

दलित छात्र की मौत को लेकर राजस्थान की सियासत गरमाई गई है। माहौल ना बिगड़ने इसलिये पूरे जालोर जिले में इंटरनेट तक बंद किया गया है। राजस्थान सरकार की ओर से मृतक बच्चे के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की घोषणा की गई है। आरोपी शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।

हालांकि सीएम अशोक गहलोत ने घटना को दुखद बतकाते हुए कहा कि आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या व SC/ST एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तारी की जा चुकी है। जल्दी सजा दिलाने के लिए केस को ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। लेकिन अपने ही विधायक के इस्तीफे के बाद स्थिति बिगड़ी है।