राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के खिलाफ विधानसभा में कांग्रेस विधायक का ही गुस्सा फूट पड़ा। दरअसल कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही चिरंजीवी योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रही है और मुख्यमंत्री के क्षेत्र में ही इसका असर नहीं दिखाई दे रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में प्राइवेट अस्पताल मनमानी कर रहे हैं।

राजस्थान विधानसभा में ‘राइट टू हेल्थ’ बिल पर बहस चल रही थी। बहस के दौरान ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा अपनी ही सरकार पर बरस पड़ीं। उन्होंने चिरंजीवी योजना में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी को लेकर सवाल उठाया। दिव्या मदेरणा ने बहस के दौरान कहा, “मंत्री जी सुन रहे हैं? हम ‘राइट टू हेल्थ’ की बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ हमारी सरकार की चिरंजीवी योजना का प्राइवेट अस्पताल वाले धज्जियां उड़ा रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री के क्षेत्र में चिरंजीवी योजना प्रशासन की असफलता की वजह से मुंह के बल गिरती है।”

दिव्या मदेरणा ने कहा कि चिरंजीवी योजना कलेक्टर की विफलता के कारण मुंह के बल गिर रही है। उन्होंने कहा की डीएम, एसडीएम, सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ और उसके सामने मेडिकल एसोसिएशन और प्राइवेट एसोसिएशन वाले डंका बजाके और छाती ठोक के कहता है कि ये चिरंजीवी में नहीं आता।

दरअसल दिव्या मदेरणा एक घटना का जिक्र कर रही थीं। 7 सितम्बर को एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है और उसे जोधपुर के श्रीराम अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। लेकिन परिजन आरोप लगाते हैं कि उनसे पहले सवा लाख रुपये लिए और फिर इलाज के बाद साढ़े सात लाख का बिल थमा दिया। इस मामले के बाद कांग्रेस विधायक दिव्या 10 सितम्बर की रात अस्पताल पहुंची और धरना दिया। सीएमएचओ और डिप्टी सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर उन्होंने जोधपुर कलेक्टर को भी निशाने पर लिया। बता दें कि चिरंजीवी योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करती है।

दिव्या मदेरणा ने विधानसभा में कहा, “प्राइवेट सेक्टर के 890 अस्पताल चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड हैं, लेकिन आपने जोधपुर में देखा होगा कैसे प्राइवेट अस्पताल (श्रीराम अस्पताल) ने पैसे वसूले। प्राइवेट अस्पताल वाले जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मरीज के परिजनों से एक पेपर पर साइन करवा लेते हैं कि उन्हें चिरंजीवी योजना का फायदा नहीं लेना है।”