राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? इस सवाल को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। पूर्व मुख्यमंत्री को इस पद के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार माना जाता है लेकिन पार्टी अभी नाम सामने लाने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है।
फिलहाल चर्चा है भाजपा की ओर से मैदान में दिखाई दे रहीं एक और महिला नेता दीया कुमारी की, कहा जा रहा है कि वह वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर भाजपा की ओर से सामने आ सकती हैं। यहां इस चर्चा के कारणों और दोनों महिला नेताओं के बैकग्राउंड को समझकर पूरी कहानी समझी जा सकती है।
वसुंधरा राजे की जगह लेंगी दीया कुमारी?
वसुंधरा राजे और दीया कुमारी दोनों ही नेता राजस्थान के शाही परिवारों से हैं, और दोनों के राजपूतों से संबंध हैं जो रेगिस्तानी राज्य में 85 विधानसभा क्षेत्रों में परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। राजस्थान की राजनीति में फिलहाल चर्चा इस बात की है कि क्या भाजपा 52 वर्षीय राजकुमारी दीया कुमारी को अगली वसुंधरा राजे सिंधिया बनाने के लिए तैयार कर रही है? लेकिन क्या राजस्थान भाजपा के सबसे प्रमुख चेहरे वसुंधरा राजे के सामने उन्हें खड़ा करना इतना आसान होगा?
क्यों हो रही ये चर्चा?
यह चर्चा तब बहुत ज्यादा बढ़ी जब पिछले महीने के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवर्तन संकल्प यात्रा के समापन के अवसर पर जयपुर गए थे। इस कार्यक्रम में दीया कुमारी को मंच संचालन का काम सौंपा गया था। मोदी की रैली में ऐसी जिम्मेदारियां आम तौर पर पार्टी के वरिष्ठ और भरोसेमंद नेताओं को दी जाती हैं। चर्चा यह भी है कि भाजपा ने राज्यों के अपने बड़े नेताओं को दरकिनार कर रही है। जिसमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
अब कई भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने आश्चर्य करना शुरू कर दिया है कि क्या भाजपा दीया कुमारी को तात्कालिक उद्देश्य के लिए नहीं तो लंबे समय के लिए अगली वसुंधरा राजे के रूप में तैयार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा प्रतिनिधियों ने इसे ‘अटकलबाजी’ बताते हुए प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।हालांकि राजे अब भी सबसे प्रभावशाली भाजपा नेता बनी हुई हैं, लेकिन राज्य इकाई में उनकी एकछत्र भूमिका ने अतीत में अक्सर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को उनके साथ आमने-सामने ला दिया है। राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री राजे और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच मतभेदों के कारण 2018 में पार्टी की राज्य इकाई के नए अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी हुई।
दिया कुमारी और वसुंधरा राजे
दीया कुमारी भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान जयपुर के अंतिम शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं। वह खुद जयपुर की राजकुमारी हैं और जयपुर के वर्तमान महाराजा पद्मनाभ सिंह की मां हैं। हालांकि परंपरा के खिलाफ जाकर उन्होंने 1997 में एक आम आदमी नरेंद्र सिंह से शादी की, जो 2019 में तलाक में समाप्त हो गई। 2013 में वह भाजपा में शामिल हुईं। उन्होंने सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गईं। 2019 में वह राजसमंद लोकसभा क्षेत्र से चुनी गईं। वसुंधरा राजे और दीया कुमारी के बीच समानता यह तथ्य है कि दोनों पूर्व शाही परिवारों से हैं। हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि क्या दीया कुमारी को भाजपा में उसी तरह का समर्थन प्राप्त है जैसा राजे को भैरों सिंह शेखावत की पसंदीदा पसंद बनकर मिला था, जो चाहते थे कि वे राजस्थान में भाजपा का नेतृत्व करें।