राजस्थान में चल रहे सांप्रदायिक तनाव के बीच अलवर में कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के बोल बिगड़ गएं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संबंध पीएफआई और कांग्रेस में सनातन धर्म का डीएनए नहीं होने की बात तक कह डाली। वहीं, मंच से सांसद बालकनाथ ने कांग्रेस को मुगलिया सरकार बताया।
दरअसल राजस्थान बीजेपी की ओर से अलवर में मंदिर तोड़े जाने के खिलाफ हुंकार रैली का आयोजन किया था, जिसमें राज्य के लगभग सभी बड़े भाजपा नेता शामिल हुए थे। इसमें मंच से कई भाजपा नेताओं ने भड़काऊ भाषण भी दिया। भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कहा, मुसलमानों ने भारत पर राज नहीं किया है बल्कि राज तो केवल राज मुगलों, तुर्कों, अफगानों ने किया है। तुम्हारे पूर्वजों को जबरन मुस्लमान बनाया गया था। तुम्हारी बहन बेटी से दुष्कर्म किया गया था। तुम मुसलमान हमारे भाई हो और हिंदुओं से कन्वर्ट होकर ही मुसलमान बने हैं। एक ना एक दिन फिर से हिंदू बनना ही पड़ेगा।
राजस्थान में मुगलिया सरकार: अलवर से सांसद योगी बालकनाथ ने कहा कि राजस्थान में मौजूदा समय मे मुगलिया सरकार है। ये लोग सनातन धर्म के खिलाफ किस तरीके की भावना रखते हैं। यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के लोगों में सनातन धर्म का DNA नहीं है।
पीएफआई से सरकार का संबंध: राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया उन्होंने कहा कि करौली से लेकर जोधपुर हिंसा था कि यदि सही तरीके से सरकार जांच कराए तो सभी में पीएफआई की साजिश जरूर मिलेगी। पीएफआई का सीधा संबंध मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से है। सरकार की ओर हिजाब मामले में भी प्रोटोकॉल तोड़कर इजाजत दी गई।
अलवर में भाजपा नेताओं के इन आरोपों के जवाब में कांग्रेस के चिंतन शिविर में गुरुवार को भाग लेने आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि अगर शाह में दम है तो गृह मंत्रालय की एक कमेटी बनाए। उसमें हाईकोर्ट – सुप्रीम कोर्ट का जज हों। इस हिंसा की जांच कराए। आगे कहा कि इन लोगों को पता है कि राजस्थान में चुनाव हार रहे हैं इसलिए इनकी तैयारी है कि आग लगाओ, करौली को प्रयोगशाला बनाया। करौली के बाद वास्तव में 7 राज्यों में दंगे भड़के हैं। मैं इन लोगों से कहता हूं। राजस्थान को बख्शो।