राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को अस्थायी रूप से रोक लगाने की मांग की गई थी। इस फैसले के बाद अब नजरें 11 अगस्त को हाईकोर्ट के एकल पीठ के फैसले पर टिक गई है। मालूम हो कि बसपा और भाजपा ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी स्पीकर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

दोनों दलों ने बसपा के 6 विधायकों के सदन की कार्यवाही में शामिल होने पर रोक लगाने की मांग की थी। हाईकोर्ट के मौजूदा फैसले से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फौरी तौर पर राहत मिल गई गई है। वहीं, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा है कि 11 अगस्त को जो भी फैसला आएगा, हम हमेशा 14 अगस्त से पहले अपील के लिए तैयार हैं। राज्य विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू होगा। माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत को इस सत्र के दौरान विश्वास मत हासिल कर सकती है।

मौजूदा समीकरण के अनुसार यदि बसपा के 6 विधायकों को हटा दे तो सीएम अशोक गहलोत के पास 96 विधायक बच जाते हैं। जबकि भाजपा के पास 72 विधायक हैं। बागी गुट के साथ तीन निर्दलीय विधायक को मिला ले तो विपक्ष का आंकड़ा 97 पहुंच जाता है। वहीं मौजूदा स्थिति के अनुसार बहुमत का आंकड़ा 101 से घटकर 97 पहुंच जाता है। वहीं, इस मामले में भाजपा के जस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने दावा किया कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार बहुमत का दम भरते-भरते खुद बन्धक हो गई है।

कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों के जयपुर से जैसलमेर जाने पर टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहुमत का दम भरते-भरते सरकार बाड़े में खुद बन्धक हो गई, इसको सबने देखा है और राजस्थान के लिए यह पीड़ादायक है।’’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक यहां जैसलमेर के एक निजी होटल में रुके हुए हैं। जबकि सचिन पायलट की अगुवाई में 19 बागी विधायकों के हरियाणा के होटल में रुके होने के समाचार हैं।