Parul Kulshrestha
राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखकर राज्य सरकार में खलबली मचा दी है। उन्होंने एक बहुमंजिला आवासीय परियोजना में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। मंत्री के अनुसार इससे सरकारी खजाने को 1,146 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है। किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि राज्य का सामान्य प्रशासन विभाग कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही इस परियोजना को आगे बढ़ा रहा है।
इस परियोजना में जयपुर के गांधीनगर में पुराने एमआरईसी परिसर में छह बहुमंजिला इमारतों का निर्माण शामिल है, जहां कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी रहते हैं। छह में से चार टावरों का इस्तेमाल सरकारी आवास के लिए किया जाएगा, जबकि दो को निजी व्यक्तियों को बेचा जाना है। किरोड़ी लाल मीणा ने 14 मई को मुख्यमंत्री भजन लाल को लिखे अपने पत्र में कहा, “मास्टर प्लान के तहत यहां 18-19 मंजिला इमारतों का प्रावधान नहीं है। नियमों के अनुसार यहां व्यावसायिक उपयोग की भी अनुमति नहीं है। हालांकि इस परियोजना को पूरा करने के लिए अवैध तरीकों का इस्तेमाल किया गया है। कुछ अधिकारी/लोग REDCC (रियल एस्टेट डेवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ राजस्थान लिमिटेड) के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये की काली कमाई करने जा रहे हैं।”
किरोड़ी लाल मीणा ने लिखा कि सरकार को करीब 1,146 करोड़ रुपये का नुकसान न हो, इसके लिए समय रहते ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि न तो मौजूदा वित्त मंत्री, न ही कैबिनेट और न ही आप इस परियोजना का समर्थन कर रहे हैं। फिर भी इस पर काम शुरू हो गया है। बिना मंजूरी के सरकारी आवास खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी आरोप लगाया कि परियोजना का कम मूल्यांकन किया गया है और इससे सरकार को भी काफी नुकसान हो सकता है। उन्होंने आग्रह किया कि मामले की जांच कराई जाए।
जब बीजेपी विपक्ष में थी, तो राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपने विरोध के लिए किरोड़ी लाल मीणा अक्सर खबरों में रहते थे। राज्य के कैबिनेट मंत्री के तौर पर वे आखिरी बार तब खबरों में आए थे, जब उन्होंने कहा था कि वे राजस्थान के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे। वर्तमान में उनके पास कृषि और बागवानी, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन और राहत एवं नागरिक सुरक्षा तथा लोक अभियोग निवारण विभाग हैं। सरकारी पदा में वे सीएम और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के बाद आते हैं।