राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान में बुधवार को नया मोड़ आया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत की। यही नहीं, गहलोत ने प्रधानमंत्री का हॉर्स ट्रेडिंग के कुत्सित प्रयासों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया और इस मामले में स्टैंड लेने की मांग की।
गहलोत ने पत्र में आरोप लगाया कि राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा, कांग्रेस के कुछ नेता शामिल हैं।
गहलोत ने लिखा, ‘मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए गिराने के लिए किए जा रहे प्रयासों की ओर खींचना चाहूंगा। हमारे संविधान में बहुदलीय व्यवस्था के कारण राज्यों और केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती हैं। यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित को सबसे ऊपर करते हुए कार्य किया।’
इससे पहले बुधवार को विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सीपी जोशी कांग्रेस के 19 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने अपने वकील को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) देने को कहा है कि क्योंकि हम एक संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रहे हैं।’
इसके बाद सचिन पायलट गुट की ओर से भी शीर्ष न्यायालय में में कैविएट दायर की गई। उनकी तरफ से अनुरोध किया गया कि अदालत उनका पक्ष सुने बिना आदेश जारी ना करे। अब विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीपी जोशी की ओर से कपिल सिब्बल वकील हैं। उन्होंने बुधवार को सुनवाई होने के काफी प्रयास किए, लेकिन शीर्ष न्यायालय ने इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई की मांग पर कपिल सिब्बल को याचिका को रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करने को कहा था।
चीफ जस्टिस ने कहा था कि रजिस्ट्री से ही पता लगेगा कि मामला कब सूचीबद्ध होगा। देर शाम सुप्रीम कोर्ट ने सूचीबद्ध केसों को लेकर अपनी वेबसाइट अपडेट की। उसके मुताबिक, इस याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई हो सकती है। मामले से जुड़ी पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण उन्मूलन में उनकी सरकारी पूरी ताकत लगा देगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को 'अनियंत्रित' होने से रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही राज्य के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। गहलोत राज्य में संक्रमण की स्थिति और उसके नियंत्रण के उपायों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संसाधन उपलब्ध कराने में किसी तरह की कमी नहीं रखी है और आगे भी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजकर एक रुपए का मुआवजा और लिखित माफी की मांग की है। मलिंगा ने उन पर भाजपा में जाने के लिए धन की पेशक श करने का आरोप लगाया था। पायलट ने अपने वकील के जरिए भेजे कानूनी नोटि स में मलिंगा को सात दिन के भीतर प्रेस में लिखित माफी की मांग की है।
राजस्थान कांग्रेस विधायक दल का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बुधवार को राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर क र चुनौती दी है। इस पर गुरु वार को सुनवाई होगी। सीपी जोशी के सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर क रने के बाद सचिन पायलट ने भी कै विएट दायर क र दी है। पायलट ने इसके जरिए कोर्ट से अपील की है कि जब तक विधायक पर सुनवाई न हो जाए, विधानसभा अध्यक्ष जोशी की याचिका पर कोई आदेश पारि त नहीं कि या जाए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस व अन्य परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि उनके 'रेडराज' से राजस्थान की जनता डरने वाली नहीं है और इस तरह की कार्रवाई से राज्य की कांग्रेस सरकार नहीं डिगेगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपने इस देश में 'रेडराज' पैदा किया हुआ है। आपके इस 'रेडराज' से राजस्थान डरने वाला नहीं। आपके 'रेडराज' से राजस्थान की आठ करोड़ जनता घबराने वाली नहीं है।'
राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा । इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि राजस्थान की निर्वाचित सरकार को गिराने का प्रयास हो रहा है और इस षड्यंत्र में एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।
अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि 2007 से 09 के बीच फर्टिलाइजर बनाने के लिए जरूरी पोटाश किसानों में बांटने के नाम पर सरकार से सब्सिडी पर खरीदी गई। इस प्रोडक्ट को निजी कंपनियों को बेचकर मुनाफा कमाया। उस समय अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। अग्रसेन की फर्म ने सरकार से खरीदी गई पोटाश का एक बड़ा हिस्सा कुछ अन्य फर्म के जरिए एक्सपोर्ट कर दिया था। विदेश भेजने के लिए इसे फैल्सपार पाउडर और इंडस्ट्रियल सॉल्ट बताया गया। इस मामले में अग्रसेन की फर्म के साथ ही दूसरी फर्मों पर भी भारी जुर्माना लगाया गया था। नियमों के मुताबिक, एमओपी (खाद बनाने में इस्तेमाल पदार्थ) का निर्यात नहीं किया जा सकता, क्योंकि भारत पूरी तरह से इसके आयात पर निर्भर है। इंडियन पोटाश लिमिटेड इसका आयात करती है। उसके जरिए ही किसानों में यह बांटी जाती है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन की फर्म पर जिस मामले में 2009 में कस्टम ने 5.45 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। अब उस मामले में 11 साल बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की है। हालांकि, चौंकाने वाली बात ईडी की एंट्री की टाइमिंग है, क्योंकि सियासी मैदान में अशोक गहलोत अभी सचिन पायलट खेमे और अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा से घिरे हुए हैं। लड़ाई हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। वैसे अग्रसेन शुरू से ही इस मामले में खुद को बेदाग बताते रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का भाई होने के कारण उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। ईडी की कार्रवाई को कांग्रेस भी दबाव बनाने की कार्रवाई बता रही है।
अशोक गहलोत ने लिखा, ‘मुझे अफसोस रहेगा कि जहां एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार पर जीवन और आजीविका को बचाने की जिम्मेदारी है। उस बीच केंद्र में सत्ता पक्ष कैसे कोरोना प्रबंधन छोड़कर कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराने के षड्यंत्र में मुख्य भूमिका निभा सकता है। मध्य प्रदेश की घटना के दौरान भी आपकी पार्टी देशभर में बदनाम हुई थी। मुझे नहीं पता आपको किस हद तक इस बात की जानकारी है, या आपको गुमराह किया जा रहा है। इतिहास ऐसी हरकत करने में भागीदार लोगों को कभी माफ नहीं करेगा।’
गहलोत ने लिखा, ‘कोरोना के दौर में जीवन रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में राजस्थान में चुनी सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है। इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता और हमारे दल के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता शामिल हैं। जिनमें से एक भंवरलाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता ने भाजपा नेता होने के बावजूद भैरोंसिंह सरकार को भी विधायकों की खरीद फरोख्त कर गिराने का प्रयास किया था। जिसका मैंने खुद तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत और प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से मिलकर विरोध किया था।’
गहलोत ने पत्र में लिखा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार द्वारा 1985 में बनाए गए दल बदल निरोधक कानून और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए संशोधन की भावनाओं को दरकिनार कर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। यह जनमत का घोर अपमान है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश इसके उदाहरण हैं।’
इस बीच, सचिन पायलट ने एक और सियासी दांव चला। उन्होंने कांग्रेस विधायक गिराज सिंह मलिंगा कानूनी नोटिस भेजा। हालांकि, नोटिस में उनसे महज एक रुपए का हर्जाना मांगा है। एडवोकेट हरिहरन ने पायलट की ओर से ये नोटिस भेजा है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर उन्होंने सात दिन में माफी नहीं मांगी तो सिविल और आपराधिक मानहानि का दावा किया जाएगा। माना जा रहा है कि पायलट ने मलिंगा से एक रुपए का हर्जाना मांग कर एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है।
14 जुलाई: विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया और 17 जुलाई को दोपहर 1:30 बजे तक जवाब मांगा।
16 जुलाई: नोटिस के खिलाफ पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट चले गए। पीछे-पीछे व्हिप चीफ महेश जाेशी ने सरकार की तरफ से कैविएट लगा दी कि कोई भी फैसला किए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
17 जुलाई: राजस्थान हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई की और मामला दो जजों की बेंच में भेजा। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई तय की।
18 जुलाई: अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की और स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्यवाही नहीं करें। स्पीकर ने भी इसकी पालना करते हुए कार्यवाही टाली।
20 जुलाई: राजस्थान हाई कोर्ट ने बहस पूरी ना हो पाने के कारण कहा- 21 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
21 जुलाई: हाई कोर्ट ने फिर मामले को सुना और फैसला 24 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी तब तक के लिए कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।
मलिंगा ने 20 जुलाई को कांग्रेस की बाड़ा बंदी के दौरान होटल फेयरमाउंट के बाहर मीडिया के सामने सचिन पायलट पर प्रलोभन देने का आरोप लगाया था। इसके बाद सचिन पायलट की ओर से कहा गया था कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। जिस विधायक के जरिए उन पर आरोप लगाए गए हैं वह उस पर सख्त कानूनी कार्यवाही करेंगे। उसी के अनुरूप सचिन पायलट की ओर से गिराज सिंह मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजा गया है।
इससे पहले प्रदेश में सियासी संकट के बीच ईडी ने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के परिवार पर शिकंजा कसा। ईडी की टीम बुधवार को जोधपुर में गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के आवास पर छापेमारी के लिए पहुंची। बताया जाता है कि ये कार्रवाई राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली के कई स्थानों पर उर्वरक घोटाले को लेकर की गई।
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्पीकर को बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदारियां तय की हैं। स्पीकर होने के नाते मैंने कारण बताओ नोटिस दिया। अगर अथॉरिटी कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करेगी तो उसका काम क्या होगा।’
बता दें कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्यता नोटिस को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी।।
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट और उनके गुट के विधायक बगावत पर उतारू हैं। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने बागी विधायकों को नोटिस जारी करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे में विधानसभा स्पीकर की भूमिका काफी अहम होने वाली है। दरअसल, विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार संविधान स्पीकर को देता है, लेकिन इस व्यवस्था को अदालत में चुनौती दी गई है।
हाई कोर्ट ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया। इस पर जोशी ने नोटिस पर कार्यवाही 24 जुलाई की शाम तक स्थगित रखने का फैसला किया है। विधायकों को नोटिस के बारे में जोशी ने कहा कि इन विधायकों को केवल कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं कोई फैसला नहीं हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट को जो भी फैसला आया है उसका उन्होंने पालन किया है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था। पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्यता नोटिसों को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया था।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत के भाई के ठिकानों पर एक उर्वरक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मामले में देशव्यापी छापेमारी की गई है। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली में कम से कम 13 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
अध्यक्ष सीपी जोशी ने बुधवार को कहा संविधान में कोर्ट और विधानसभा के अधिकार तय हैं। मैं स्पीकर के पद की गरिमा का सम्मान बनाए रखने के पक्ष में हूं। उन्होंने कहा मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं। पहले कोर्ट ने 21 जुलाई तक का समय दिया तो मैंने उसका सम्मान किया, फिर मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि 24 तारीख तक स्पीकर कोई निर्णय नहीं करे मैं उसका भी सम्मान करता हूं।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाई कोर्ट के निर्देश के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि पायलट सहित 19 विधायकों की याचिका पर 24 जुलाई को उचित आदेश सुनाया जाएगा। इस याचिका में विधान सभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों को भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने संबंधी नोटिस को चुनौती दी गई है। अदालत ने अध्यक्ष से अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने को कहा था। क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
कांग्रेस के बागी सचिन पायलट ने अपने ऊपर भाजपा में जाने के लिए पैसों की पेशकश करने के आरोप लगाने वाले कांग्रेस के विधायक को कानूनी नोटिस भेजा है। पायलट के करीबी सूत्रों ने बताया कि पायलट की ओर से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजा गया है। पायलट का कहना है कि विधायक ने उनके खिलाफ झूठे और द्वेषपूर्ण बयान दिए। कांग्रेस विधायक मलिंगा ने सोमवार को आरोप लगाया था कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनसे पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने के बारे में चर्चा की थी और इसके लिए धन की पेशकश भी की थी। पायलट ने इस आरोप को ''आधारहीन व अफसोसजनक'' बताते हुए खारिज कर दिया और कहा था कि विधायक से यह बयान दिलवाया गया है और वह उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे।
बुधवार सुबह जब स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने आज ही राजस्थान मामले की सुनवाई की जाने की अपील की तो चीफ जस्टिस ने इससे इनकार कर दिया। उनहोंने कहा कि आप इसे रजिस्ट्रार के सामने मेंशन करें, वो ही बताएंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि वहीं से ही पता लगेगा कि मामला कब सूचीबद्ध होगा।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार की रणनीति विफल होने के बाद विधायक कृष्णा पूनिया के आवास पर छापेमारी करने के लिए एक सीबीआई टीम भेजी। जिसने खेल के क्षेत्र में भी देश में उत्थान किया। यह विधायकों पर दबाव बनाने का एक तरीका था।
राजस्थान में सियासी संकट के बीच ईडी ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई के यहां छापेमारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी की टीम बुधवार को जोधपुर में सीएम गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के आवास पर पहुंची। मामले में अभी ज्यादा जानकारी का इंतजार है।
राजस्थान में सियासी संकट के बीच यूपी के गौतमबुद्ध नगर के लोगों ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया हैं। गुर्जर समाज के साथ अन्य लोग भी भी राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पक्ष में आ गए हैं। 26 जुलाई को गुरुग्राम में होनी वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया हैं।
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने राजस्थान हाई कोर्ट के आग्रह पर सहमति जताई और अयोग्यता नोटिस पर अपना फैसला शुक्रवार शाम तक के लिए टाल दिया। मगर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वो विधायकों को नोटिस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेंगे। क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत कैबिनेट ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत मंत्रिमंडल ने उद्योगों को राहत देने के लिए रीको के माध्यम से करीब 220 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके अलावा 31 दिसम्बर, 2020 तक सेवा शुल्क एवं आर्थिक किराए की राशि एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत की छूट, आवंटित भूखण्ड पर गतिविधि प्रारम्भ करने के लिए दी गई अवधि में हुई देरी के नियमितिकरण पर लगने वाले प्रभार में छूट मिल सकेगी। इसके अलावा राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से प्रभावित हुए 35 लाख जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सम्बल एवं तात्कालिक राहत देने के लिए एक हजार रुपए की अनुग्रह राशि एक बार और देने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है। इस पर 351 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
सचिन पायलट ने अपने ऊपर भाजपा में जाने के लिए पैसों की पेशकश करने के आरोप लगाने वाले कांग्रेस के विधायक को कानूनी नोटिस भेजा है। पायलट के करीबी सूत्रों ने मंगलवार रात बताया कि पायलट की ओर से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजा गया है। पायलट का कहना है कि विधायक ने उनके खिलाफ झूठे और द्वेषपूर्ण बयान दिये।कांग्रेस विधायक मलिंगा ने सोमवार को आरोप लगाया था कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनसे पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने के बारे में चर्चा की थी और इसके लिए धन की पेशकश भी की थी। पायलट ने इस आरोप को ''आधारहीन व अफसोसजनक'' बताते हुए खारिज कर दिया और कहा था कि विधायक से यह बयान दिलवाया गया है और वह उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा नीत राजग सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्रीय एजेंसियों एवं धन बल का इस्तेमाल करके विपक्ष शासित राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराने के प्रयास के लिए ‘‘साजिश रच’’ रही है। बनर्जी ‘शहीद दिवस’ पर तृणमूल कांग्रेस की एक आनलाइन रैली को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने परोक्ष तौर पर भाजपा की ओर इशारा करते हुए घोषणा की कि पश्चिम बंगाल ‘‘बाहरी’’ नहीं बल्कि उसके अपने लोगों द्वारा शासित किया जाता रहेगा। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को संसाधनों से वंचित किया है और कहा कि जनता राज्य के साथ किये गए अन्याय के लिए उसे उचित जवाब देगी। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा बंगाल की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का इस्तेमाल करके एक षड्यंत्र रचा जा रहा है। भाजपा देश की अब तक की तोड़फोड करने वाली सबसे बड़ी पार्टी है।’’
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह से स्थिर व मजबूत है जो पांच साल तक राज्य की जनता की सेवा करती रहेगी। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। जो लोग सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे पराजित होंगे।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया। अदालत शुक्रवार को सचिन पायलट और 18 बागी विधायकों की याचिका पर उपयुक्त आदेश जारी करेगी। विधानसभा अध्यक्ष के वकील ने इस बारे में बताया। मामले में मंगलवार को दलीलें सुनी गयी और यह संपन्न हो गयी। सभी पक्षों को शुक्रवार तक लिखित में अपनी दलील पेश करने को कहा गया है। पीठ जब दिन की अपनी सुनवाई को खत्म करने की ओर था, लगभग उसी समय अन्यत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों को संबोधित किया, जहां उन्होंने बागियों पर ‘‘विश्वासघात’’ करने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने आगे कहा, ‘‘जब देश कोविड-19 महामारी से लड़ने में व्यस्त है, भाजपा मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल की चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने में व्यस्त है।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गुजराती मूल की ओर इशारा करते हुए राजस्थान में राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘गुजरात को सभी राज्यों पर शासन क्यों करना चाहिए? हम दो भाइयों (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) का यह शासन बर्दाश्त नहीं करेंगे। संघीय ढांचे की क्या जरूरत है? एक राष्ट्र-एक पार्टी प्रणाली बना दें।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भाजपा नीत राजग सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्रीय एजेंसियों एवं धन बल का इस्तेमाल करके विपक्ष शासित राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराने के प्रयास के लिए ‘‘साजिश रच’’ रही है। उन्होंने ‘शहीद दिवस’ पर अपनी पहली डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा बंगाल की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का इस्तेमाल करके एक षड्यंत्र रचा जा रहा है। भाजपा देश की तोड़फोड करने वाली अब तक की सबसे बड़ी पार्टी है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को राजस्थान संकट से निपटने के लिए एक सम्मानजनक सूत्र (फार्मूला) अपनाने की वकालत की। साथ ही वह सचिन पायलट के साथ तालमेल बिठाने के भी पक्ष में दिखाई दिए, जिन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी है। कांग्रेस के नेता होने के नाते और उनके करीबी मित्र रहे दिवंगत कांग्रेस नेता राजेश पायलट के पुत्र को बचपन से ही बहुत अच्छे से जानने वाले खुर्शीद ने कहा कि वह राजस्थान में जारी घटनाक्रम से काफी निराश हैं। पायलट को पार्टी में वापस लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के किसी भी नेता को जोकि पार्टी में वापस आना चाहता है उसकी वापसी के प्रयास करने चाहिए।
सीएम आवास पर हुई पार्टी की मीटिंग के लिए व्हिप जारी किया गया था। लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट समेत उनके समर्थक 18 विधायक इन बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। इस पर विधानसभा स्पीकर ने बागी विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस नोटिस के खिलाफ ही पायलट गुट हाईकोर्ट पहुंचा था। पायलट गुट का तर्क है कि विधानसभा सत्र नहीं चल रहा है और उसी के लिए पार्टी व्हिप जारी कर सकती है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम, राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिश तथा कई अन्य ‘उपलब्धियों’ के कारण देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां: फरवरी में नमस्ते ट्रंप, मार्च में मध्य प्रदेश में सरकार गिराई, अप्रैल में मोमबत्ती जलवाई, मई में सरकार की 6वीं सालगिरह, जून में बिहार में वर्चुअल रैली और जुलाई में राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश।’’ कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘इसीलिए देश कोरोना की लड़ाई में 'आत्मनिर्भर' है।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को कोविड-19 के 37,148 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 11,55,191 हो गए। वहीं 587 और लोगों की जान जाने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 28,084 हो गई।