Rajasthan Rain: मानसूनी बारिश इस बार राजस्थान के कुछ इलाकों में कहर बनकर टूट पड़ी है। पूर्वी राजस्थान के अंतर्गत आने वाले जिलों में बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति है। वहीं कुछ नदियां भी उफान पर हैं और बांध भी लबालब भर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि बीकानेर के कुछ निचले इलाकों और गांवों में पानी 3-3 फीट से ज्यादा भऱ चुका है। कुछ ऐसे ही हालात राजस्थान के धौलपुर के भी हैं, जहां का पार्वती डैम भी ओवरफ्लो हो गया है, जिसके चलते बांध के 4 गेट खोलकर पानी निकाला।

राजधानी जयपुर से लेकर जोधपुर के भी कुछ इलाकों में जलभराव के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक बीकानेर में भारी बारिश के चलते दो मकान जमींदोज हो गए। इसके अलावा जयपुर के चांदपोल में एक कमजोर मकान भी भारी बारिश के बीच भरभराकर गिर गया। ऐसे में लोगों के मन में सवाल यही है कि आखिर उन्हें कब इस आफत की बारिश से राहत मिलेगी।

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राजस्थान के बूंदी, जोधपुर और जयपुर में भी जमकर बरसे बादल

बूंदी के हिंडोली से लेकर जयपुर में रिकॉर्ड 220 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा दौसा, बारन, नागौर, जोधपुर, बीकानेर, पाली और सवाई माधोपुर के इलाके में भारी बारिश हुई है। वहीं अजमेर से लेकर बूंदी में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने कहा है कि पूर्वी राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश बूंदी जिले में हुई। इसके अलावा बीकानेर के पश्चिमी क्षेत्र कोलयात में करीब 172 मिमी बारिश हुई थी। इसके अलावा क्षेत्र के अन्य इलाकों में भी हल्की से लेकर मध्य स्तर तक की बारिश हुई थी।

कब साफ होगा राजस्थान का आसमान

मौसम विभाग ने बताया है कि राजस्थान के ही अलवर, सीकर, करौली, कोटा, भीलवाड़ा, टोंक, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया है कि उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बना परिसंचरण तंत्र अब धीरे-धीरे पश्चिमी क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान जोधपुर, अजमेर और बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी या बहुत भारी बारिश की प्रबल संभावना है।

मौसम विभाग के अधिकारियों को अनुमान है कि राज्य में 17 अगस्त के बाद मानसून कमजोर पड़ सकता है और 22 अगस्त तक के बीच आसमान साफ होने के आसार है। अगस्त के आखिरी सप्ताह में भारी बारिश का एक और दौर देखने को मिल सकती है। चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में पदाझर झरने में 50 से ज्यादा लोग फंस गए। इन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सभी को रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए बचा लिया।