राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पयलट पर हमला बोला है। सीएम गहलोत ने कहा कि हम जानते थे कि वह निकम्मा और नकारा हैं। लेकिन फिर भी हमने उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग नहीं की।
गहलोत ने कहा “एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशा अध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए। हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है।” सीएम ने कहा “एक मात्र राजस्थान पहला ऐसा राज्य होगा, जहां 7 साल से एक ही आदमी अध्यक्ष बना हुआ था और उसे बदलने की मांग नहीं की गई। न किसी सीनियर ने की न ही किसी जूनियर ने।”
गहलोत ने कहा कि इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ होगा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ही अपनी पार्टी की सरकार को गिराने में लगा रहा हो। गहलोत ने भाजपा पर भी एक बार फिर हमला किया और बोले, राजस्थान में सियासी उठापटक के पीछे पूरा खेल भाजपा का है। सबको मालूम है, सियासी संकट के पीछे भाजपा का ही खेल है।
सीएम ने कहा कि कल तुम अशोक गहलोत के घर के बाहर खड़े थे, परसो तुम विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के कमरे के बाहर खड़े थे। मैं तुम पर कैसे विश्वास करूं। इस भाषा में वह सात साल निकाले हैं। फिर भी राजस्थान का कल्चर है कि हम नहीं चाहते हैं कि दिल्ली में लगे कि राजस्थान में आपस में लड़ाई लड़ रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि मैं पूरा मान-सम्मान दिया। लेकिन वह कांग्रेस की पींठ में छुरा घोंपकर चला गया। यह खेल राज्यसभा चुनाव से पहले 10 मार्च को होने वाला था। जब 2 बजे मानेसर के लिए गाड़ियां आ गई थी। उस षड्यंत्र को मैंने एक्सपोज किया और 10 दिनों तक अपने विधायकों को होटल में रखा।
उन्होने कहा “सचिन पायलट बीजेपी के समर्थन से पिछले 6 महीनों से साजिश रच रहे थे. किसी ने भी मुझ पर विश्वास नहीं किया जब मैं कहता था कि सरकार को गिराने की साजिश चल रही है। किसी को नहीं पता था कि इस तरह के निर्दोष चेहरे वाला व्यक्ति ऐसा काम करेगा। मैं यहां सब्जी बेचने वाला नहीं हूं, मैं मुख्यमंत्री हूं।”