राजस्थान में सियासी खींचतान जारी है। राज्य में राजनीतिक बहस अब राज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस कर राज्यपाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की लेकिन राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं किया गया। इस दौरान राजभव के पार्क में घास पर बैठे कांग्रेस विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में नारे लगाए।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल की तरफ से कहा गया कि अभी बीजेपी और कांग्रेस के कई विधायक कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में विधानसभा सत्र बुलाना उचित नहीं है। हाईकोर्ट से लगे झटके के बाद अब गहलोत सरकार को राजभवन की तरफ से भी मायूसी हाथ लग रही है। ऐसे में गहलोत सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता देख रही है कि क्या हो रहा है। अगर राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुलाते हैं तो पूरे प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने आ सकती है। इसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे।
#WATCH Rajasthan: Congress MLAs supporting Chief Minister Ashok Gehlot sit and raise slogans at Raj Bhawan.
The Chief Minister had met Governor Kalraj Mishra this afternoon over the issue of the convening of the Assembly Session. pic.twitter.com/m6XhwwMuM2
— ANI (@ANI) July 24, 2020
इस दौरान गहलोत गुट के कांग्रेस विधायकों ने राजभवन में ही धरना देना शुरू कर दिया। विधायकों ने गहलोत जिंदाबाद के नारे लगाए। इस दौरान विधायकों ने ”गहलोत जी तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं” के नारे लगाए। वहीं, राजस्थान के मंत्री और कांग्रेस नेता रघु शर्मा का कहना है कि राज्यपाल अगर कोरोना वायरस के कारण विधानसभा सत्र आयोजित नहीं कर रहे हैं, तो हम 200 विधायकों का कोरोनाल टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।
हाई कोर्ट से झटका: बता दें कि हाई कोर्ट से गहलोत सरकार को पहले ही झटका लग चुका है। कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के उस नोटिस पर स्टे लगा दिया है, जिसमें सचिन पायलट गुट को अयोग्य करार करने की बात थी। स्टे के मुताबिक, अब अगले फैसले तक स्पीकर बागी विधायकों पर कोई फैसला नहीं ले पाएंगे।