राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चल रही तनातनी के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मीडिया को लोगों के बीच लड़ाई नहीं लगवानी चाहिए। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना यह बात कही है। अशोक गहलोत ने कहा कि मीडिया को अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए और यह जनहित में है।
जयपुर में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मीडिया को सच्चाई और तथ्यों पर टिके रहना चाहिए… मीडिया को हमें आपस में नहीं लड़ाना चाहिए। उन्हें (मीडियाकर्मियों को) अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए और यह जनहित में है.. मीडिया को सच्चाई के आधार पर सरकार को दोहराने में समर्थन देना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “मैं यह नहीं कहता कि झूठे आंकड़े पेश करो या हमारी झूठी प्रशंसा करो लेकिन मैं चाहूंगा कि मीडिया सच्चाई के आधार पर चले। मीडिया केंद्र सरकार के दबाव में है, लेकिन उन्हें जनता का हित देखना चाहिए।”
हालांकि, इस दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका यहा बयान सचिन पायलट के साथ चल रहे विवाद के बीच आया है। दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही दोनों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद चल रहा है।
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस दौरान, अशोक गहलोत ने चुनाव को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कांग्रेस का चुनाव अभियान उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित होगा। उन्होंने पिछले पांच सालों में किए गए कार्यों के आधार पर अपनी सरकार के सत्ता में लौटने का भरोसा भी जताया।
अपनी सरकार की योजनाओं और आगामी विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी का अभियान उनकी सरकार की योजनाओं पर केंद्रित होगा। इस दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह आएंगे और यहां रोड शो करेंगे, पैसा खर्च करेंगे और चुनाव जीतने के लिए सब कुछ करेंगे, लेकिन हमने तय किया है कि हमारी सरकार द्वारा किए गए कामों के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद हाल ही में फिर से शुरू हो गया। पयालट ने गहलोत के खिलाफ एक दिन का उपवास रखकर मोर्चा खोल दिया और आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जैसा कि 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले वादा किया गया था।