Rajasthan CM Ashok Gehlot: राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में सिविल सेवा दिवस-2023 पर सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह अंग्रेजी में बहुत कमजोर हैं और केवल 40% ही समझते हैं। इस दौरान उन्होंने दिए गए भाषण का जिक्र किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम दामोदरन भी मौजूद थे।
अपनी अंतिम सांस तक ‘नई चीजें सीखने’ पर जोर देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसा करने में उन्हें कोई झिझक नहीं थी। गहलोत ने कहा कि उन्हें मुख्य सचिव उषा शर्मा द्वारा जानकारी दी जा रही थी कि अंग्रेजी में क्या बोला जा रहा है, इसके अलावा इसका अनुवाद उनके निजी सचिव द्वारा किया जा रहा है। बाद में गहलोत ने मुख्य सचिव को अपनी सीट (दामोदरन के बगल में) पर बिठाया और दामोदरन के लिए अंग्रेजी में अनुवाद किया, जो उनके द्वारा हिंदी में बोला जा रहा था।
मैं अंग्रेजी में बहुत कमजोर हूं: अशोक गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा, “मुख्य सचिव उषा शर्मा जानती हैं कि मैं अंग्रेजी में बहुत कमजोर हूं, और इसलिए, वह मुझे उस बारे में जानकारी दे रही थी, जिसके बारे में (एम दामोदरन द्वारा) कहा जा रहा था, लेकिन मेरी अपनी व्यवस्था भी है। मैंने ऋषभ शर्मा (मुख्यमंत्री के निजी सचिव) से पूछा था। उनको अंग्रेजी में बोली जाने वाली चीजों को मुझे पास करने के लिए कहा। वो मेरे लिए यह काम कर रहे थे।”
गहलोत ने चुटकी लेते हुए कहा, “लोगों में अहंकार नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को अपनी आखिरी सांस तक सीखते रहना चाहिए। मुझे भी थोड़ी बहुत अंग्रेजी आती है, जितनी मिस्टर दामोदरन को हिंदी आती है, लेकिन दामोदरन का भाषण असाधारण था।”
मुख्यमंत्री ने सिविल सेवकों का आह्वान करते हुए कहा कि वे ही महंगाई राहत कैंप को सफल अभियान बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई राहत शिविरों के तहत सभी को लाभ मिलेगा। यदि एक महीने के बाद भी एक योजना के तहत पंजीकरण किया जाता है, तो लाभार्थियों को योजना के शुरू होने के दिन से लाभ मिलेगा। सिविल सेवक सेवा के लिए हैं। यदि वे ईमानदारी से काम करते हैं तो अधिकांश समस्याओं को आसानी से हल किया जा सकता है।
मजबूत लोकतंत्र के लिए सिविल सेवकों की भूमिका महत्वपूर्ण: अशोक गहलोत
गहलोत ने कहा, “देश में एक मजबूत लोकतंत्र के लिए सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह शासन सिविल सेवकों की भागीदारी से ही संभव है।” उन्होंने कहा कि राजस्थान को 2030 तक देश का नंबर एक राज्य बनाने के राज्य सरकार के विजन को साकार करने में जनसेवकों का योगदान महत्वपूर्ण है। देश में संवैधानिक संस्थाओं का बढ़ता दुरूपयोग चिंता का विषय है। लोक सेवकों का कर्तव्य है कि देश में असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक स्थिति पैदा न हो। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों को अपनी भूमिका को केवल सरकारी सेवा तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि सामाजिक कार्यों में भी भाग लेना चाहिए।
