राजस्थान में लगभग एक महीने तक चली सियासी खींचतान व बयानबाजी के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बृहस्पतिवार शाम को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले। मुख्यमंत्री निवास में इस बैठक में गहलोत व पायलट के साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री के निवास पर काग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान लेकिन दिल मिले या नहीं इस बारे में कुछ साफ नहीं कहा जा सकता। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गहलोत ने एक बार कहा कि वह 18 विधायकों को बिना भी अपना बहुमत साबित कर लेते। जबकि सचिन पायलट ने भी कहा कि वह न तो निक्म्मे हैं और ना ही नकारा। दूसरी तरफ गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों विश्वेंद्र सिंह तथा भंवर लाल शर्मा का निलंबन बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। डोटासरा ने कहा,’कांग्रेस के संगठन महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह के कांग्रेस पार्टी से निलंबन को वापस ले लिया है।’ कांग्रेस की तरफ से विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने की बात कही है।
भाजपा लाएगी अविश्वास प्रस्तावः इससे पहले पांडे ने ट्वीट कर कहा कि व्यापक विचार विमर्श के बाद इन दोनों विधायकों का निलंबन रद्द किया गया है। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत भाजपा के भारिष्ठ नेताओं ने औचक बैठक करके शुक्रवार से शुरू होने वाले विधान सभा के विशेष सत्र में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
#WATCH Jaipur: Congress leader Sachin Pilot meets CM Ashok Gehlot at his residence.
Congress Legislature Party meeting to take place here, ahead of the special session of the #Rajasthan Assembly tomorrow. pic.twitter.com/0pIZ1vr2dM
— ANI (@ANI) August 13, 2020
पिछले महीने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बगावती तेवर दिखाने के बाद यह भाजपा नेताओं की पहली मीटिंग हुई है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम कल अपने सहयोगियों के साथ सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं।
कांग्रेस में महीने भर तक चली सियासी रार के बाद भाजपा ने कहा वह किसी भी प्रकार से गहलोत के तख्ता पलट के प्रयास में नहीं थी। पार्टी ने पहले यह भी कहा था कि वह सदन में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी। यह गहलोत सरकार पर निर्भर है कि वह बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत का आह्वान करे। इसके पहले कांग्रेस में दोनों गुटों की सुलह के बाद भाजपा ने अपने विधयाकों की एक बैठक भी रद्द कर दी थी।
मुलाकात से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीती बातों को भुलाने के संकेत देते हुए एक ट्वीट करते हुए लोकतंत्र को बचने की अपील की। उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर इशारों में हमला बोलते हुए ट्वीट कर लिखा कि ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, न्यायपालिका के गठजोड़ से लोकतंत्र को कमजोर करने के खतरनाक खेल चल रहा है।
गौरतलब है कि बीते दिनों चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच सीएम गहलोत के भाई के घर आयकर विभाग के छापे पड़े थे। सचिन पायलट ने बीते महीने 18 अन्य विधायकों के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी।