जैसे जैसे राजस्थान असेंबली के चुनाव नजदीक आ रहे हैं। सियासी पारा वैसे वैसे बढ़ता जा रहा है। इसे इस बात से ही समझा जा सकता है कि सीएम अशोक गहलोत के 7 करीबी फिलहाल जांच एजेंसियों या पुलिस के शिकंजे में हैं। इनमें उनके बेटे वैभव, भाई अग्रसेन के साथ ओएसडी लोकेश शर्मा के नाम भी शामिल हैं। उनके मंत्री महेश जोशी और असेंबली के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी शिकंजे में हैं। इनके अलावा गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़, राजीव अरोड़ा भी शामिल हैं। आईए जानते हैं इन सभी पर किस तरह के आरोप हैं।

फर्टिलाइजर स्कैम में फंसे गहलोत के भाई

सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन फर्टिलाइजर स्कैम में फंसे हैं। आरोप है कि अग्रसेन आईपीएल के अधिकृत डीलर रहे हैं। 2007-09 के बीच उनकी कंपनी ने एमओपी को रियायती दरों पर खरीदा और किसानों को बांटने के बजाय कंपनियों को बेच दिया। उन्होंने इसे मलेशिया, सिंगापुर निर्यात किया। बीते साल ईडी ने उन्हें समन भेज पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि अग्रसेन गहलोत का कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। राजस्थान हाईकोर्ट ने अग्रसेन गहलोत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

बेटे वैभव पर 6.8 करोड़ का फ्राड केस

सीएम के बेटे वैभव गहलोत भी मयंक शर्मा इंटरप्रारजिज और ओम कोठारी ग्रुप को लेकर चर्चा में आए थे। फिलहाल वो 6.8 करोड़ के फ्राड मामले में एजेंसियों के निशाने पर हैं। धोखाधड़ी की एफआईआर पर वैभव गहलोत ने आरोपों को गलत बताया है। वैभव का दावा है कि उन्हें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वो जानते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे झूठे आरोपों के साथ-साथ ऐसी कारस्तानियां व बातें सामने आएंगी।

कैबिनेट मंत्री के बेटे पर रेप का आरोप

गहलोत के मंत्री महेश जोशी के बेटे पर रेप का आरोप है। पीड़िता ने शिकायत में बताया कि रोहित जोशी शादी का झांसा देकर जनवरी 2021 से लेकर अप्रैल 2022 तक उसका शोषण करता रहा। पीड़िता ने रोहित और उसके पिता महेश जोशी से अपने और परिवार को जान का खतरा बताते हुए दिल्ली पुलिस से सुरक्षा प्रदान करने की भी गुहार लगाई है। पुलिस केस दर्ज कर एक्शन में आई तो रोहित जोशी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। रोहित ने कोर्ट को बताया कि वह युवती से शादी करना चाहता था, लेकिन पिता राजी नहीं हुए। रोहित जोशी फिलहाल फरार चल रहे हैं।

डिप्टी चीफ व्हिप भी शिकंजे में

राजस्थान असेंबली के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी शिकंजे में हैं। नावां में शनिवार दोपहर नमक उधमी जयपाल की हत्या मामले में मृतक की पत्नी सरिता की ओर से नावा थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि नावां विधायक महेंद्र चौधरी, उनके भाई मोती सिंह चौधरी के कहने पर जयपाल पूनिया पर फायरिंग कर उनकी हत्या की गई थी।

ओएसडी पर दिल्ली पुलिस की नजरे इनायत

गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा भी जांच में फंसे हैं। लोकेश पर जोधपुर से भाजपा सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने एफआईआर दर्ज की गई थी। राजस्थान में फोन टैपिंग विवाद जुलाई 2020 में शुरू हुआ था जब केन्द्रीय मंत्री शेखावत और कांग्रेस के एक नेता के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत का ऑडियो मीडिया में आया था। यह आरोप लगाया गया था कि शर्मा ने बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप प्रसारित किया था । हालांकि शर्मा ने फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज किया है।