रोड रेज मामले में जेल गए पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 1 अप्रैल 2023 को पटियाला जेल से रिहा होंगे। नवजोत सिंह सिद्धू को कल पटियाला जेल से रिहा किया जा रहा है। इसकी जानकारी खुद नवजोत सिंह सिद्धू के ट्विटर अकाउंट पर दी गई है।
सजा के दौरान सिद्धू ने एक बार भी पैरोल नहीं ली
सजा के लिहाज से नवजोत सिंह सिद्धू को 18 मई 2023 तक उन्हें जेल में रहना पड़ता लेकिन जेल के नियमों के अनुसार कैदियों को हर महीने 4 दिन की छुट्टी दी जाती है। अब तक की सजा में सिद्धू ने एक बार भी पैरोल नहीं ली। जानकारों के मुताबिक नशा तस्करी और अन्य संगीन अपराधों में बंद कैदियों को छोड़कर बाकी सभी को जेल में मिले उनके काम में प्रदर्शन और आचरण के आधार पर एक महीने में चार से पांच दिन की छूट दी जाती है। इसके अलावा कुछ सरकारी छुट्टियों का भी लाभ कैदी को मिलता है। सजा के दौरान सिद्धू ने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली। इस लिहाज से उनकी सजा 48 दिन पहले मार्च के आखिर तक पूरी हो जाएगी।
इस मामले में सजा काट रहे हैं नवजोत सिंह
गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को रोड रेज के मामले में एक साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू से जुड़ा यह मामला 1988 का है यानी मामला 33 साल पुराना है। दशकों पुराने केस में सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने 20 मई को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। वे पिछले 10 महीने से जेल में बंद हैं।
दरअसल, सिद्धू ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक शख्स की पिटाई की थी। इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि, रिपोर्ट में सामने आया था कि शख्स की मौत हार्ट अटैक से हुई।
स्टेज 2 कैंसर से जूझ रही हैं नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी
जेल की सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू कैंसर से जूझ रही हैं। उन्होंने अपने पति को याद करते हुए एक भावुक ट्वीट किया है। डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ”नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब के लिए प्यार किसी भी चीज से बढ़कर रहा है। मैंने तो गुस्से (प्यार भरा गुस्सा) में उन्हें सबक सिखाने के लिए मौत मांग ली है। भगवान की कृपा का इंतजार है।”
सिद्धू की पत्नी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, ”मैं तुम्हें वह सब दूंगी जो तुमने मांगा है लेकिन परम चेतना की इच्छा के विरुद्ध नहीं इसलिए उसने मुझे बीच में ही छोड़ दिया है। हर व्यक्ति की नियति और यात्रा अलग-अलग होती है। हमें उस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। इंसान को सिर्फ खुद में सुधार लाने की जरूरत होती है। उसकी दुनिया, उसके कानून।”